इंदौर ।मध्य प्रदेश के नौकरशाही और राजनीति में भूचाल आने वाला बहुचर्चित हनी टैपिंग मामला (जैसी की आशंका थी) दफन होने की स्थिति में है ,सूत्रों के अनुसार पुलिस ने भारी दबाव के चलते अब मन बना लिया है कि इंदौर नगर निगम के जिस इंजीनियर ने रिपोर्ट की है बस उसी तक हनी ट्रिपिंग का मामला सीमित रखा जाए क्योंकि परत दर परत खुलने के बाद पुलिस मामले में और आगे कार्रवाई करती है तो प्रदेश सरकार भी मुसीबत मैं आ सकती थी क्योंकि एक दर्जन से भी अधिक नेताओं के वीडियो बरामद की बात की जा रही है उनमें से कुछ वीडियो कांग्रेसी केभी है, इसके अतिरिक्त अनेक आईपीएस और आईएएसअधिकारियों के वीडियो होने के बाद पुलिस ने चुप्पी साध ली हैऔर वह कुछ भी कहने से परहेज कर रही है ,पकड़ी गई तीन युवतियों को जेल भेज दिया गया है,जप्त लैपटॉप, मोबाइल , cdऔर पेन ड्राइव फॉरेंसिक जांच में भेजने की बातें की जा रही है लेकिन सवाल ये उठता है कि जब कोई फरियादी ही नहीं है जांच करवा कर पुलिस जांच करेगी क्या। गृहमंत्री की खामोशी 3 दिन पहले गृहमंत्री ने कहा था कि सब के सब पकड़े जाएंगे जाएंगे किसी को भी नहीं छोड़ा जाएगा लेकिन इस बयान के बाद से गृहमंत्री खामोश है वजह साफ है कि मौजूदा सरकार के ही कुछ नेता और अधिकारी सरकार के बड़े पदों पर बैठे है,जो हनी ट्रैपिंग के शिकार हुए हैं। अकूत संपत्ति कहां से आई। गिरफ्तार युवतियों से लगभग 1500000 रुपए नगद और 8_10करोड रुपए की अन्य संपत्ति की जानकारी पुलिस को मालूम पड़ी है लेकिन सूत्रों का कहना है कि पुलिस अकूत संपत्ति को लेकर किसी भी प्रकार की जांच से बचना चाहती है क्योंकि यदि जांच में तो इन्हें पैसे देने वाले भी शिकंजी में आ सकते हैं। अनेक छात्रों को धंधे में उत प्रा्ाा्ाा् मास्टरमाइंड आरती दयाल ने अनेक स्कूल और कालेज की छात्राओं को धंधे में उतार कर उन्हें हमबिस्तर करवाया और इसकी वीडियो बनाकर करोड़ों रुपए अधिकारियों और नेताओं से वसूल है पटवारी बोले सबको पकड़ेंगे गृहमंत्री चुप्पी के बाद अब प्रदेश के कैबिनेट मंत्री जीतू पटवारी का कहना है कि सभी दोषियों पर चाहे वे राजनेताओं या ब्यूरोक्रेट के किसी को भी नही छोड़ा जाएगा।
हनी ट्रैपिंग मामला दफन करने की तैयारी