पति को अपने प्रेमी से सरेआम गोली से उड़वाने वाली पत्नी और प्रेमी को आजीवन कारावास          

                उज्जैन। टावर चौक पर 18 अगस्त2015 को अपने ही प्रेमी के साथ मिलकर पति की निर्मम हत्या की सुपारी देने वाली पत्नी और उसके प्रेमी को उज्जैन की अदालत ने आजीवन कारावास की सजा सुनाई, 18 अगस्त 2015 को शहर के मध्य टावर चौक पर प्रापर्टी विवाद और प्रेम प्रसंग के चलते मनीष मीणा की सिर में गोली मारकर हत्या कर दी गई, हत्या के बाद परिजनों ने पुलिस कंट्रोल रूम का घेराव कर हत्यारों को करने की मांग की थी, हत्यारों को पकड़ने की मांग करने वालों में हत्या की सुपारी देने वाली मनीषा भी हत्यार के साथ पुलिस कंट्रोल रूम में मौजूद थे, तत्कालीन पुलिस अधीक्षक मनोहर सिंह वर्मा ने एक जांच दल बनाकर मामले की गंभीरता को देखते हुए आरोपियों पर 10000 का नाम रखा था, पुलिस ने जांच शुरू की तो होश उड़ गए क्योंकि प्रारंभिक जांच में सामने आया कि मनीष की हत्या में उसकी पत्नी मीनाक्षी का हाथ है जैसे-जैसे जांच आगे बढ़ती गई सबूत भी पुख्ता होते गए और अंततः सामने आया कि मनीष   की हत्या उसकी पत्नी मीनाक्षी ने अपने प्रेमी हनीफ को सुपारी देकर करवाइए है, जांच में यह भीसबके सामने आया था कि मनीष जब गंभीर रूप से इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती था उस वक्त मनीष की पत्नी मीनाक्षी ने अपने प्रेमी हनीफ को घर की अलमारी में रखे ₹300000, लाखों के गहने, लैपटॉप ,एटीएम आदि हत्या करने के एवज में दे दिए थे, घर से इस तरह सामान गायब होने की शिकायत मनीष के परिजनों द्वारा पुलिस में करने के बाद पुलिस की जांच की दिशा बदल गई थी, मनीष और मीनाक्षी ने भी   प्रेम विवाह किया था , और जब पुलिस मामले की तह में गई तो सब कुछ सामने आ गया,प्रेम विवाह करने वाली मनीषा ने जिस तरह अपने नए प्रेमी हनीफ के साथ मिलकर षड्यंत्र रचा और हनीफ को सुपारी देकर अपने ही पति की निर्मम हत्या करवाई उससे सारा शहर काप  गया था ,पुलिस को शुरुआत में लगा था   कि यह प्रॉपर्टी को लेकर कोई विवाद है भूमिका भी इसी तरह की बनाई गई थी ,लेकिन परत दर परत जब इस मामले की परते खुली तो सबको चौंका देने वाला सच सामने आया। पति की  सुपारी देने वाली पत्नी मीनाक्षी एक एनजीओ चलाती  थीं जिसमें हनीफ भी काम करता हूं पुलिस  जब जांच के लिए एनजीओ पहुंची  तो पुलिस को देख कर वहां पहले से ही मौजूद हनीफ ने मोबाइल के सिम दात में रखकर चबा दी थी इसी वक्त पुलिस को शक हुआ और हनीफ को गिरफ्तार कर लिया था, बाद में पूछताछ के दौरान रेंगटे के खड़े कर देने वाला सच सामने आया। 4 साल के बाद सबूतों के आधार पर उज्जैन जिला कोर्ट ने आरोपियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है।


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