वदतु संस्कृतं, जयतु भारतं,,,,,,,,, संस्कृत एवं भारतीय संस्कृति को समूचे विश्व में फैलाना है, महर्षि पाणिनि संस्कृत विश्वविद्यालय का प्रथम दीक्षांत समारोह सम्पन्न,



उज्जैन।महर्षि पाणिनि संस्कृत विश्वविद्यालय उज्जैन का प्रथम दीक्षांत समारोह आज उज्जैन में सम्पन्न हुआ। कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए मध्य प्रदेश के राज्यपाल एवं कुलाधिपति श्री लालजी टंडन  ने कहा कि संस्कृत एवं भारतीय संस्कृति को समूचे विश्व में फैलाना है। भारत ने समूचे विश्व को शिक्षा दी है। विश्व के लोग यहां से पढ़ कर गए और सारे विश्व में ज्ञान के प्रकाश को फैलाया। भारत को पुनः जगतगुरु बनाने की आज आवश्यकता है।
              राज्यपाल ने विद्याथियों से कहा कि उठो जागो औऱ लक्ष्य प्राप्त करो। आज हमने अपने ज्ञान के जिस भंडार को खो दिया है, उसे फिर पाना है। आप को उपाधि के साथ यह जिम्मेदारी दी गई है, जिसे आपको निभाना है। हमारे ज्ञान को सारे विश्व के सामने लाना है। भारत को फ़िर महान, फिर जगतगुरु बनाना है। 
                   कार्यक्रम में राज्यपाल श्री लालजी टंडन द्वारा विद्यार्थियों को उपाधियां वितरित की गईं। उच्च शिक्षा मंत्री श्री जीतू पटवारी ने भी संबोधन दिया।
                  समारोह में विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. पंकज लक्ष्मण जानी, सारस्वत अतिथि श्रीमती उमा वैद्य, विश्विद्यालय के संस्थापक कुलपति डॉ मोहन गुप्त, विक्रम विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ बालकृष्ण शर्मा आदि उपस्थित थे। कार्यक्रम में सभी का आह्वान करते हुए कहा गया "वदतु संस्कृतं, जयतु भारतं।"


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