राज्य शासन ने बच्चों की सुरक्षा, संरक्षण और अधिकारों के प्रति जनसमुदाय में जागरूकता पैदा करने 6 से 11 जनवरी तक प्रदेश में बाल संरक्षण सप्ताह मनाने का निर्णय लिया है। आयुक्त महिला-बाल विकास श्री नरेश पाल कुमार ने जिला कलेक्टरो इस बारे में विस्तृत निर्देश जारी किये हैं।
बाल संरक्षण सप्ताह में पहले दिन 6 जनवरी को विकासखण्ड तथा जिला स्तर पर कार्यशाला आयोजित कर लोगों को बाल संरक्षण संबधी विभिन्न पहलुओं से अवगत कराया जायेगा। दूसरे दिन कलेक्टर द्वारा संस्था सम्पर्क अभियान में प्रत्येक संस्था के लिए दल गठित किया जायेगा। इस दल में शामिल महिला-बाल विकास, शिक्षा, स्वास्थ्य, सामाजिक न्याय, राजस्व और पुलिस विभाग के अधिकारी प्रत्येक संस्था का निरीक्षण करेंगे। दल के अधिकारी अपने विभाग से सम्बन्धित विषयों पर संस्था की गतिविधियों की रिपोर्ट्र अलग-अलग तैयार करेंगे। ये दल संस्था में व्याप्त समस्याओं, अनियमितताओं और उसके निराकरण के सुझाव तथा कार्यवाही की रिपोर्ट तैयार करेंगे। संस्था परिसर की स्वच्छता, भोजन की गुणवत्ता और मीनू अनुसार भोजन प्रदाय की व्यवस्था तथा बच्चों की सुरक्षा व्यवस्था की समीक्षा करेंगे। दल द्वारा बच्चों से अधीक्षक की अनुपस्थिति में चर्चा कर वस्तु-स्थिति की रिपोर्ट तैयार की जाएगी। साथ ही संस्था के प्रत्येक बच्चे का आई.सी.पी. (इन्डीविजुअल केयर प्लान) भी बनाया जायेगा।
जागरूकता रैली
बाल संरक्षण सप्ताह के तीसरे दिन जिला और विकासखण्ड स्तर पर जागरूकता रैली का आयोजन होगा। इसमें किशोर न्याय अधिनियम, पाक्सो, श्रम, बाल-विवाह निषेध अधिनियम की जानकारी, नारे आदि को पोस्टर, बैनर और आडियो-विडियो के माध्यम से प्रदर्शित किया जायेगा।
बाल-चौपाल
सप्ताह के चौथे दिन ग्राम और वार्ड स्तर पर बाल-चौपाल का आयोजन कर आँगनवाड़ी कार्यकर्ता द्वारा बच्चों के संरक्षण संबंधी प्रावधानों से आमजन को अवगत कराया जायेगा। पाँचवे दिन स्कूलों में बाल-अधिकार से संबंधित विशेष कक्षाओं का आयोजन कर पाक्सो अधिनियम तथा सुरक्षित और असुरक्षित स्पर्श का प्रशिक्षण दिया जायेगा। साथ ही, संस्था में निवासरत बच्चों का स्वास्थ्य परीक्षण भी किया जायेगा। सप्ताह के आखरी दिन जिले की प्रत्येक संस्था में स्थानीय स्तर पर खेलकूद और सांस्कृतिक गतिविधियाँ आयोजित की जायेगी। संस्था में निवासरत बच्चों को विशेष किशोर पुलिस ईकाई, पुलिस थानों, पिकनिक स्पॉट, बगीचों का भ्रमण भी कराया जायेगा।