स्वर्णप्राशन का अगला चरण 6 और 7 जनवरी को, बच्चों में प्रतिरक्षा तंत्र और मस्तिष्क विकास हेतु आवश्यक है स्वर्णप्राशन


 
उज्जैन । शासकीय स्वशासी धन्वंतरि आयुर्वेद चिकित्सा महाविद्यालय के प्रधानाचार्य डॉ.जीपी चौरसिया द्वारा जानकारी दी गई कि महाविद्यालय में शिशु एवं बाल रोग विभाग के अन्तर्गत स्वर्णप्राशन का अगला चरण 6 और 7 जनवरी को प्रात: 8 बजे से 12 बजे तक आयोजित किया जायेगा।
 स्वर्णप्राशन कार्यक्रम की प्रभारी अधिकारी डॉ.गीता जाटव ने विस्तार से जानकारी देते हुए कहा कि बच्चों का प्रतिरक्षा तंत्र पूर्ण रूप से विकसित न हो पाने से उनमें दिन-प्रतिदिन होने वाले संक्रमण जैसे सर्दी, खांसी, बुखार तथा शिशु का बार-बार बीमार होना जैसे लक्षण देखे जाते हैं। स्वर्णप्राशन किसी रोग विशेष की औषधि न होकर बच्चों में रोग प्रतिरोधक क्षमता को प्रेरित कर उन्हें संक्रामक बीमारियों से बचाता है। बच्चों में 90 प्रतिशत तक मस्तिष्क का विकास पांच वर्ष की अवस्था तक हो जाता है। अत: इस उम्र के बच्चों को स्वर्णप्राशन कराने से उनमें सोचने, समझने और सीखने की क्षमता का विकास होता है।
 चिकित्सालय के अधीक्षक डॉ.ओपी शर्मा तथा शिशु रोग विभाग के अध्यक्ष डॉ.वेदप्रकाश व्यास ने आम जनता से अपील की है कि अभिभावक अपने बच्चों का स्वर्णप्राशन कराकर अधिकाधिक लाभ उठायें।


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