कलेक्टर ने 80 से अधिक आवेदनों पर जनसुनवाई की


 
उज्जैन।कलेक्टर शशांक मिश्र, अपर कलेक्टर श्री क्षितिज सिंघल, जिला पंचायत सीईओ श्री नीलेश पारिख एवं अन्य अधिकारियों द्वारा 80 से अधिक आवेदनों पर जनसुनवाई करते हुए प्रकरणों के निराकरण हेतु आवश्यक दिशा-निर्देश दिये गये।
 ग्राम इंगोरिया तहसील बड़नगर निवासी नन्दकिशोर पिता कालूराम ने आवेदन देकर शिकायत की कि इंगोरिया में शासन द्वारा नल जल योजना के अन्तर्गत पानी की टंकी का निर्माण किया गया था। साथ ही ग्राम पंचायत को 10 हॉर्सपावर के लगभग चार सबमर्सिबल पम्प प्रदाय किये गये थे। इन चार पम्पों में से तीन चालू हैं और एक पम्प अतिरिक्त रखा गया था। गत जून-2019 में उपरोक्त तीन पम्पों में से एक पम्प खराब हो गया था, जिसे बोरिंग से बाहर निकालने के लिये गांव के एक स्थानीय व्यक्ति को कहा गया था। उक्त व्यक्ति द्वारा जो पम्प निकाला गया था वह गायब हो गया है। आज तक पम्प के गायब होने के सम्बन्ध में कोई कार्यवाही नहीं की गई है। कलेक्टर ने इस पर सीईओ जनपद पंचायत बड़नगर को मामले की जांच करने के निर्देश दिये।
 ग्राम लेकोड़ा तहसील उज्जैन के कृषकों ने आवेदन दिया कि उनके गांव से लगे हुए तालाब का पानी उनके द्वारा काफी समय से सिंचाई के उपयोग में लाया जाता था। इस तालाब का पानी पिछले 10-12 सालों से उपयोग में नहीं लाया जा रहा है। इस वजह से तालाब का पानी आसपास की कृषि भूमि पर भर जाता है। किसानों को इस वजह से फसलों की बोवनी करने में बहुत परेशानी हो रही है, 
क्योंकि पानी की निकासी का भी कोई तरीका नहीं है, अत: तालाब से अतिरिक्त पानी की निकासी के लिये एक नाली का निर्माण किया जाये। इस पर ईई डब्ल्यूआरडी तहसील उज्जैन को नियमानुसार कार्यवाही करने के निर्देश दिये गये।
 बेगमबाग कॉलोनी निवासी मोहम्मद साबिर पिता वहीदुर्रहमान से आवेदन दिया कि वे पेशे से मजदूर हैं। उनके द्वारा ग्राम लेकोड़ा के पास पत्थर की पॉलिश करने का कार्य किया गया था। उक्त कार्य की उनकी मजदूरी की राशि लगभग 19 हजार रुपये बनती है, परन्तु ठेकेदार द्वारा उन्हें अब तक मात्र दो हजार रुपये का भुगतान किया गया है। शेष राशि बार-बार मांगने के बावजूद ठेकेदार नहीं दे रहा है, अत: प्रार्थी को उसकी मजदूरी की राशि दिलवाई जाये। इस पर सहायक श्रमायुक्त उज्जैन को मामले की जांच कर उचित कार्यवाही करने के लिये कहा गया।
 नानाखेड़ा में रहकर पढ़ाई करने वाले सचिन किराड़े पिता नारायण किराड़े ने आवेदन दिया कि वे सिविल इंजीनियरिंग बीटेक के द्वितीय वर्ष में अध्ययनरत हैं। उन्हें पिछले वर्ष की छात्रवृत्ति अब तक नहीं मिल पाई है। इस वजह से उन्हें आगे पढ़ाई करने में बहुत परेशानी हो रही है। आवेदक अत्यन्त गरीब परिवार से है, इस वजह से फीस भर पाने में असमर्थ है, परन्तु जिस निजी महाविद्यालय में वे अध्ययनरत हैं, वहां उन्हें फीस जमा करने के लिये बार-बार दबाव बनाया जा रहा है, अत: शीघ्र-अतिशीघ्र उन्हें छात्रवृत्ति उपलब्ध करवाई जाये। इस पर जिला संयोजक आदिम जाति कल्याण को तत्काल कार्यवाही करने के निर्देश दिये गये। इसी प्रकार अन्य मामलों में कलेक्टर द्वारा जनसुनवाई की गई।