शुद्ध के लिये युद्ध अभियान’ के तहत उज्जैन जिले में 476 नमूने लिये गये, 52 नमूने फेल हुए

 


उज्जैन । खाद्य पदार्थों में मिलावट की शिकायतों पर आमतौर पर कोई कार्यवाही नहीं होती थी। उज्जैन जिले में कई बार मावा एवं दूध में मिलावट की शिकायत मिलती रही है। कलेक्टर उज्जैन श्री शशांक मिश्र ने प्रदेश में सर्वप्रथम मावे एवं दूध में मिलावट करने वाले व्यक्तियों पर रासुका लगाने का कार्य किया। इसका अनुकरण पूरे प्रदेशभर में हो रहा है और अभियान की प्रशंसा की जा रही है।
‘शुद्ध के लिये युद्ध अभियान’ के तहत उज्जैन जिले में 10 जनवरी तक कुल 476 नमूने लिये गये। इनमें से 182 नमूने दूध एवं दुग्ध उत्पादों के थे तथा 294 अन्य खाद्य पदार्थों के हैं। लिये गये नमूनों में से 108 नमूनों के जांच परिणाम आ गये हैं और इनमें से 52 नमूने फेल हो गये हैं। कलेक्टर ने अभियान के तहत कार्यवाही करते हुए मिलावटी मावा तैयार करने वाले उन्हेल के दो व्यापारियों पर एफआईआर दर्ज कराते हुए रासुका की कार्यवाही की। नकली घी तैयार करने वाले श्रीकृष्ण गृह उद्योग के कारोबारी के विरूद्ध भी रासुका की कार्यवाही की। इसी तरह वारसी फ्रूट, पाकीजा पपीता सेन्टर उज्जैन के विरूद्ध कार्बाइड से फलों को पकाने के कारण एफआईआर दर्ज करवाई गई है। अरिहन्त फूड नागदा द्वारा किसी अन्य लेवल से पैकेज्ड पानी तैयार करने के कारण फेक्टरी सील कर दी गई है। कलेक्टर ने खाद्य एवं औषधी विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिये हैं कि वे खाद्य पदार्थों में मिलावट के विरूद्ध अभियान निरन्तर चलाते रहें।


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