देवास। युग की पश्चात संस्कृति हमारे देश मे आने के कारण हमारी मूलभूत भारतीय संस्कृति को हम भूलते जा रहे हैं हमें 14 फरवरी को वैलेंटाइन डे के बजाएं मातृ पितृ दिवस मनाना चाहिए और स्कूल जाते वक्त आते वक्त माता-पिता को चरण स्पर्श (प्रणाम)करना चाहिए। हमें अच्छी सोच अच्छे विचार और अच्छे कर्म सदैव अपने जीवन में करना चाहिए। आज समय बहुत विपरीत चल रहा है इसे हमें सही करना है, बच्चे देश का भविष्य हैं आप ही देश को बदल सकते हैं, आप ही देश को विश्व गुरु बना सकते हैं, इसके साथ माताओं को भी घर में बच्चों को संस्कार देने का एवं पिताओं को उनके सामने ऐसा कार्य ना करें जैसे धूम्रपान नशा आदि जिससे बच्चों को दुष्प्रभाव हो । यह बात ग्राम उमरोद(देवास) में सरस्वती शिशु मंदिर में आयोजित मातृ पितृ दिवस पर वक्ता अर्चना दुबे दीदी ने कही। कार्यक्रम में शहीदों को श्रद्धांजलि देकर उन्हें याद किया गया। कार्यक्रम में अतिथि संतोष मेवाड़ा तहसील प्रमुख,दिनेश शर्मा स्कूल प्रमुख, अंतर सिंह चौहान, मुंशी लाल सोनगरा एवं समस्त आचार्य परिवार एवं ग्राम के वरिष्ठ मानसिंह, ओंकार सिंह, हिम्मत सिंह, सूरजसिंह, भैयालाल पटवारी ,मोहनलाल , मनोहर दास ,पीरूलाल आदि गांव के वरिष्ठजन एवं माताएं उपस्थित थे।
अतिथिायें का स्वागत सरस्वती शिशु मंदिर के प्रधानाचार्य करण सिंह हाड़ा ने किया एवं आभार संयोजक रतनलाल ने माना। उक्त जानकारी राष्ट्रीय सेवा योजना के भैया कपिल ने दी।
आते जाते वक्त माता पिता को चरण स्पर्श करना चाहिए - दीदी