अनोखा भक्त ,पिछले 17 सालों से रजत हिरक जड़ित आभूषणों को देश के विभिन्न मंदिरों में दान करते आ रहे
महाराष्ट्र के डॉ. सागर ने उज्जैन के मंदिरों में दो महीने में समर्पित किये 30 लाख के आभूषण

17 सालों से देश के विभिन्न मंदिरों में भेंट कर रहे रजत हिरक जड़ित आभूषण-बुधवार को उज्जैन में महाकाल मंदिर, हरसिध्दि, कालभैरव, मंगलनाथ, शनि मंदिर में भेंट किये आभूषण

उज्जैन। पिछले 17 सालों से रजत हिरक जड़ित आभूषणों को देश के विभिन्न मंदिरों में दान करते आ रहे महाराष्ट्र पुणे निवासी डॉ. सागर साराध्ये कोलते ने बुधवार को श्री महाकालेश्वर मंदिर में 2 लाख 62 हजार 477 कीमत के आभूषण भेंट किये। इसके अलावा डॉ. कोलते ने श्री हरसिध्दि माता मंदिर, कालभैरव, मंगलनाथ, शनि मंदिर तथा समस्त नवगृह में स्वर्ण, रजत तथा रत्न से जड़ित आभूषण तथा मिठाई के भोग से सेवा की।

डॉ. सागर कोलते के अनुसार श्री महाकालेश्वेर मंदिर में अपने गुरू की प्रेरणा से 5 किलो 800 ग्राम चॉदी की पगडी, 488 ग्राम चॉदी का कलश व 32 ग्राम चॉदी का नंदादीप (दीपक) श्री महाकालेश्वीर भगवान को भेंट की। वहीं शहर के अन्य मंदिरों में भी डॉ. सागर, डॉ. साधना, साराध्य, साध्या, पूजा कोलसे ने आभूषण भेंट किये। डॉ. सागर ने पिछले साल 31 जुलाई 2019 को श्री महाकाल बाबा के चरणों में स्वर्ण और डायमंड जड़ित साढ़े 3 लाख का मुकुट तथा रजत पात्र 70 हजार कीमत का समर्पित किये थे। उसी समय हरसिध्दि माता, श्री काल भैरव, मंगलनाथ तथा शनि मंदिर में कुल साढ़े 3 लाख के आभूषण समर्पित किये थे। 2019 में ही 31 अगस्त को श्री महाकाल को डायमंड जड़ित स्वर्ण के त्रिपुंड आभूषण समर्पित किये थे। हरसिध्दि माता को डायमंड जड़ित मंगलसूत्र समर्पित किये थे। सितंबर माह में स्वर्ण जड़ित 108 रूद्राक्ष की माला तथा रजत डमरू तथा रजत आरती पात्र समर्पित किये। उसी समय हरसिध्दि माता को दो रत्न जड़ित नथ समर्पित किये और रजत आरती पात्र समर्पित किये। वहीं काल भैरवजी को रजत मुकुट लगभग 4 हजार ग्राम का तथा स्वर्ण और डायमंड जड़ित तीसरी आंख और रजत आरती पात्र तथा 107 रजत जड़ित रूद्राक्षमाला, स्वर्ण रूद्राक्ष ऐसे 108 रूद्राक्ष की माला, 1200 ग्राम का रजत डमरू, 500 ग्राम का रजत कलश समर्पित किया। मंगलनाथ भगवान को रजत आरती पात्र, रजत कलश समर्पित किया। वहीं शनि भगवान को रजत घंटा तथा रजत आरती पात्र रजत कलश समर्पित किया। उसके अगले माह हरसिध्दि माता को स्वर्ण डायमंड जड़ित त्रिपुंड तथा स्वर्ण चंद्रमा समर्पित किया उसी दिन श्री महाकालजी के सेवक नंदीजी को स्वर्ण और डायमंड जड़ित आंखें समर्पित किये। उसी दिन मंगलनाथ भगवान को स्वर्ण त्रिपुंड डायमंड जड़ित स्वर्ण नेत्र, 108 मुगा की स्वर्ण जड़ित माला समर्पित किये। उसी दिन श्री शनेश्चर भगवान को स्वर्ण की चैन, गणेश भगवान को स्वर्ण की चैन तथा कालभैरव के पीछे वाले गणेशजी को सोने की चैन समर्पित की। बटुक भैरव को स्वर्ण की डायमंड जड़ित दो आंखें, स्वर्ण के चंद्रमा को और श्री काल भैरव को डायमंड जड़ित त्रिपुंड समर्पित किये। लगभग दो तीन माह में 25 से 30 लाख के आभूषण समर्पित किये। 

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