उज्जैन।न्यायालय माननीय श्रीमान अश्विन परमार, न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी नागदा जिला उज्जैन के न्यायालय द्वारा आरोपी अभयसिंह पिता नारायण सिंह भाटी, यूको बैंक स्टाफ कॉलोनी, बिरलाग्राम नागदा जिला उज्जैन को धारा 409,420,467 में आरोपी को 03 वर्ष का सश्रम का कारावास एवं 300/- रूपये के अर्थदण्ड से दण्डित किया गया।
अभियोजन मीडिया सेल प्रभारी श्री मुकेश कुमार कुन्हारे ने अभियोजन घटना अनुसार बताया कि फरियादी यूको बैंक प्रमुख प्रबंधक एल.के. कपुर ने दिनांक 24/02/1997 को पुलिस थाना नागदा में इस आशय का लिखित आवेदन दिया कि ‘‘यूको बैंक शाखा बिरलाग्राम नागदा में कार्यरत लिपिक श्री अभयसिंह भाटी द्वारा वर्ष 1992 से 1995 की अवधि में विभिन्न खाताधारियों के खातों में हेरफेर कर इस बैंक के साथ धोखा धडी की तथा लगभग 31,000/-रूपए का गबन किया जाना पाया गया जो निम्न है:-
1. दिनांक 15.07.1995 को खाताधारी श्री कुरसिंह राठौर द्वारा उनके खाते में तीन हजार रूपए जमा कराने हेतु, उस समय खजांची के रूप में कार्यरत् श्री भाटी को जमा कराया गया। श्री भाटी ने उक्त रूपया अपनी जैब में रख लिया तथा श्री कुरसिंह को जमा पर्ची पर स्वयं के हस्ताक्षर कर दिये एवं कुरसिंह के खाते में स्वयं द्वारा रूपया जमा करने की प्रविष्टि कर अधिकारी के जाली हस्ताक्षर स्वयं ने कर दिए।
2. खाताधारी श्री कन्हैयालाल पुत्र परमानंद के खाते में से दिनांक 14.01.1993 को 2,500/-रूपए एवं 01.02.1993 को 2,500/-रूपए, दिनांक 01.05.1993 को पांच हजार रूपए एवं 12.03.1993 को पांच हजार रूपये के जाली आहरण फार्म स्वयं भरकर रूपया निकाला तथा इनकी प्रविष्टि संबंधित खाताधारी के खाते में नहीं की गई।
3. इसी प्रकार श्री मस्तकीन अली, एवं अन्य खाताधारकों के खाते मेे से रूपये निकाल लिये।
फरियादी की उक्त रिपोर्ट पर पुलिस थाना नागदा द्वारा प्रथम सूचना रिपोर्ट लेखबद्ध की गई एवं आवश्यक अनुसंधान पश्चात् आरोपी के विरूद्ध अभियोग पत्र माननीय न्यायालय में प्रस्तुत किया गया। माननीय न्यायालय द्वारा अभियोजन के तर्कों से सहमत होकर आरोपी को दण्डित किया गया।
दण्ड के प्रश्नः- अभियुक्त ने निवेदन किया कि उसे न्यूनतम दण्ड से दण्डित किया जाये। अभियोजन अधिकारी ने निवेदन किया कि अभियुक्त को कठोर दण्ड से दण्डित किया जाये।
न्यायालय की टिप्पणीः- अभियुक्त द्वारा कारित अपराध की गंभीरता को दृष्टिगत रखते हुए अभियुक्त को नाममात्र के दण्ड से दण्डित कर छोड़ा जाना उचित प्रतीत नहीं होता है।
प्रकरण में शासन की ओर से पैरवी एडीपीओ श्री रेवतसिंह ठाकुर, सहायक जिला अभियोजन अधिकारी, नागदा, जिला उज्जैन द्वारा की गई।