गृह निर्माण सहकारी संस्थाओं द्वारा की गई अनियमितताओं की जांच में ढिलाई बरतने पर सहकारिता मंत्री ने नाराजगी व्यक्त की, वंचित रहे पात्र आवंटियों को समारोहपूर्वक भूखण्ड वितरित किये जायेंगे  


उज्जैैन। प्रदेश के सहकारिता, संसदीय कार्य एवं सामान्य प्रशासन मंत्री डॉ.गोविन्द सिंह ने आज जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक के सभाकक्ष में संभागीय सहकारिता एवं सहकारी बैंकों के अधिकारियों की बैठक लेकर उनके कामकाज की समीक्षा की। सहकारिता मंत्री ने भूमाफियाओं के खिलाफ कार्यवाही में ढिलाई बरतने पर नाराजगी व्यक्त की तथा निर्देश दिये कि आगामी एक माह में सभी कार्यवाही पूर्ण करते हुए शिकायतकर्ता पात्र व्यक्तियों को गृह निर्माण सहकारी संस्थाओं से प्लाट का आवंटन करवाया जाये। प्लाट आवंटन के प्रपत्र उन्हें समारोहपूर्वक सौंपे जायेंगे।
बैठक में सहकारिता मंत्री डॉ.गोविन्द सिंह ने सभी सहकारिता अधिकारियों को निर्देश दिये हैं कि वे अपनी और विभाग की छवि सुधारें। उन्होंने कहा कि सहकारिता आन्दोलन किसानों के हित में है। यदि सहकारी बैंक बन्द हो जायेंगे तो किसानों को शार्टटर्म लोन नहीं मिलेगा। मंत्री श्री सिंह ने कहा कि केरल जैसे प्रदेशों में सहकारी सोसायटियां ऋण देने के अलावा भी अनेक सामाजिक कार्य कर रही है, इस दिशा में हमें भी सोचना चाहिये। उन्होंने इन्दौर एवं उज्जैन संभाग की सहकारी बैंकों के काम-काज एवं लाभ-हानि की समीक्षा की एवं संतोष व्यक्त किया। बैठक में जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक के प्रशासक श्री अजीतसिंह, सहकारिता आयुक्त एवं पंजीयक सहकारी संस्थाएं श्री एमके अग्रवाल, अपेक्स बैंक के प्रबंध संचालक श्री प्रदीप निखरा, अपर पंजीयक श्री आरसी घिया, श्री सेंगर, संयुक्त पंजीयक श्री मकवाना, संभागीय प्रबंधक अपेक्स बैंक श्री रवि ठक्कर, सहकारिता विभाग के सभी जिलों के उपायुक्त एवं जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक के मुख्य कार्यपालन अधिकारी मौजूद थे।
उज्जैन जिले में 248 भूखण्ड दिये जाने की स्थिति में है
बैठक में गृह निर्माण समितियों की जांच के सम्बन्ध में जानकारी देते हुए उज्जैन जिले के उपायुक्त श्री गुप्ता ने बताया कि विभिन्न सहकारी समितियों के द्वारा की गई अनियमितताओं के सम्बन्ध में 320 शिकायतें प्राप्त हुई हैं। इनमें से स्क्रूटनी एवं जांच के बाद 248 ऐसे प्रकरण है, जिनमें शिकायतकर्ता को भूखण्ड दिलवाये जा सकते हैं। इस सम्बन्ध में कार्यवाही की जा रही है। बैठक में जानकारी दी गई कि श्री गृह निर्माण सहकारी संस्था की अकेले ही 47 शिकायतें है, इनमें उक्त सोसायटी प्लाट न देकर सदस्यों को पैसा लौटा रही है। इस पर मंत्री डॉ.गोविन्द सिंह ने नाराजगी व्यक्त करते हुए कहा कि सम्बन्धित सोसायटियों के विरूद्ध सख्त कार्यवाही की जाये, जिन्होंने अब तक सदस्यों को भूखण्ड नहीं दिये हैं और नये सदस्य बनाकर उनको भूखण्ड आवंटित कर दिये हैं। सहकारिता मंत्री ने संभाग के सभी सहकारिता अधिकारियों को चेताया है कि यदि उन्होंने गृह निर्माण सहकारी संस्थाओं के विरूद्ध जांच में ढिलाई बरती तो उनके विरूद्ध अनिवार्य सेवा निवृत्ति का प्रकरण तैयार किया जायेगा। सहकारिता मंत्री द्वारा उज्जैन शहर के लिये संयुक्त आयुक्त सहकारिता, उपायुक्त सहकारिता, उज्जैन विकास प्राधिकरण के मुख्य कार्यपालन अधिकारी एवं ऑडिट आफिसर की एक समिति बनाने के निर्देश दिये हैं जो आगामी 15 दिनों में सभी शिकायतों की जांच कर पात्र व्यक्तियों को भूखण्ड दिलवाने की कार्यवाही करेगी। इसी तरह बैठक में जानकारी दी गई कि रतलाम में 65 लोगों को चिन्हित कर लिया गया है, जिनको समितियों से प्लाट आवंटित करवाना है।
देवास को छोड़कर सभी जिलों में बैंकों की जमा राशि में वृद्धि हुई
सहकारिता मंत्री डॉ.गोविन्द सिंह की अध्यक्षता में जिला सहकारी बैंकों की वित्तीय स्थिति, जमा राशि, मुनाफे एवं ऋण वसूली की समीक्षा की गई। बैठक में जानकारी दी गई कि उज्जैन संभाग में देवास जिले को छोड़कर सभी जिला सहकारी बैंकों के डिपाजिस्ट्स में 10 प्रतिशत की वार्षिक वृद्धि हुई है। मंत्री डॉ.सिंह द्वारा निर्देशित किया गया कि देवास जिले में प्रत्येक सोसायटी एवं बैंक स्तर पर कर्मचारियों को टारगेट देकर जमा राशि में वृद्धि की जाये। इसी तरह बैठक में बताया गया कि ऋण वितरण के मामले में मंदसौर में रोलओवर कम हुआ है।
खरीफ ऋण चुकाने की अन्तिम तिथि 28 मार्च
बैठक में खरीफ ऋण की वसूली में तेजी लाने के निर्देश दिये तथा कहा गया कि खरीफ ऋण की वसूली की अन्तिम तिथि 28 मार्च है। यदि किसान इस तिथि तक ऋण नहीं चुकायेंगे तो उन्हें बैंक के नियम अनुसार जीरो प्रतिशत ब्याज दर का लाभ नहीं मिलेगा। सहकारिता आयुक्त ने निर्देशित किया कि सभी बैंक लक्ष्य अनुसार रिकवरी करे तथा फायनेंस करे।
इंकम टैक्स एवं जीएसटी रिटर्न के लिये प्रत्येक ब्रांच में नोडल आफिसर नियुक्त करने के निर्देश देते हुए सहकारिता मंत्री ने कहा कि यदि अधिकारी-कर्मचारी की गलती से इंकम टैक्स या जीएसटी की पैनल्टी लगती है तो सम्बन्धित अधिकारी-कर्मचारी से इसकी वसूली की जाये। मंत्री ने कहा कि एक माह में कम से कम 10 दिन संयुक्त आयुक्त एवं उपायुक्त बैंकों के काम-काज की समीक्षा में लगायें। उन्होंने कहा कि उपायुक्त सहकारिता की जिले में यह जिम्मेदारी है कि  बैंक का ठीक तरीके से संचालन हो।
बैठक में ‘जय किसान ऋण माफी योजना’ की समीक्षा करते हुए मंत्री ने निर्देश दिये हैं कि किसानों के खाते में ऋण माफी की राशि समय पर जमा हो, यह सुनिश्चित किया जाये। उन्होंने कहा है कि एक लाख से अधिक के ऋण की माफी की राशि फरवरी माह में ही किसानों के खाते में जमा होना है, इसका विशेष ध्यान रखा जाये। बैठक के अन्त में संयुक्त आयुक्त श्री मकवाना ने आभार व्यक्त किया। कार्यक्रम में उज्जैन जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक के मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्री आलोक यादव सहित संभाग के सभी बैंकों के मुख्य कार्यपालन अधिकारी मौजूद थे।


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