उज्जैन। जे.के. हॉस्पिटल एवं नर्सिंग होम में गर्भवती महिला शुशीता (मरीज का बदला हुआ नाम) का आवत बच्चेदानी में चिपकी (धंसी) हुई पाई गई, जिसका ऑपरेशन किया गया। इस तरह की बीमारी एक लाख में से एक मरीज को होती है।
आमतौर पर डिलेवरी के साथ ही आवत भी १०-१५ मिनट में बाहर आ जाती है, लेकिन इस केस में अपने आप आवत बाहर आने की कोई संभावना नहीं थी और इसी के कारण काफी मात्रा में खून बहने की आशंका थी। सब कुछ अच्छे से मरीज को बताने के बाद जब मरीज ने जे.के. अस्पताल में ऑपरेशन करने की सहमति जताई। (इस बीमारी में आमतौर पर ४० प्रतिशत मरने की आशंका होती है।) तब डॉ. जया मिश्रा एवं उनकी टीम ने सूझबूझ से मरीज का भरोसा उनके प्रति होने से ऑपरेशन करने का निर्णय किया, क्योंकि इसमें अधिक खून बहने की आश्ंाका थी। तब डॉ. जया मिश्रा, डॉ. आर.एस. दानगढ़ की सर्जिकल टीम एवं डॉ. तपन शर्मा की विशेष टीम की सहभागिता एवं सूझबूझ से इस जटिलतम ऑपरेशन को सम्पन्न किया गया। माँ एवं बच्चा एकदम स्वस्थ और सुरक्षित हैं एवं परिवार में बहुत उत्साह का माहौल है। यह जानकारी जे.के. अस्पताल प्रबंधन ने दी।
जे.के. हॉस्पिटल एवं नर्सिंग होम में हुआ जटिल ऑपरेशन