पति को बेहोश कर कैरोसिन डालकर जलाकर हत्या करने वाली आरोपिया को आजीवन कारावास की सजा

 


 उज्जैन।न्यायालय माननीय एस.के.पी. कुलकर्णी, जिला एवं सत्र न्यायाधीश महोदय, जिला उज्जैन के न्यायालय द्वारा आरोपिया सपनाबाई पति हरिनारायण, उम्र 30 वर्ष, को धारा 302 भादवि में आजीवन कारावास व धारा 302 सहपठित धारा 201 भादवि में 03 वर्ष का सश्रम कारावास एवं कुल 2,000/- रूपये के अर्थदण्ड से दण्डित किया गया।  
  
 उप-संचालक अभियोजन डॉ0 साकेत व्यास ने अभियोजन घटना अनुसार बताया कि फरियादी मोहनलाल पिता शंकरलाल ने थाना घट्टिया पर उपस्थित होकर रिपोर्ट लेखबद्ध कराई कि मैं ग्राम जैथल टेक में रहता हॅू तथा मजदूरी करता हूॅ, मेरे तीन लड़के है। तीनों अपने परिवार के साथ अलग-अलग रहते है। कल दिनांक 04.07.2018 के लगभग रात्रि करीब 10ः30 बजे सब सो गये थे, मेरा लडका हरिनारायण उसके घर में उसके बच्चों के साथ सो गया था। आज रात्रि करीब 03ः00 बजे हरिनारायण की पत्नी सपना ने मेरा दरवाजा ठोक कर आवाज लगाकर मुझे उठाया कि पापा हरिनारायण ने घासलेट डालकर आग लगा ली है घर में धुंआ होने से पडोसी भेरूलाल व विक्र्रम लाल को उठाया सभी ने घर के अन्दर जा कर देखा तो मेरा लडका हरिनारायण पुरी तरह जल गया था जिकी मृत्यु हो चुकी थी, उक्त सूचना पर मर्ग कायम कर जांच में लिया गया। मृतक का पोस्टमार्टम कराया गया जिसमें उसके सिर पर दो चोंटे पाई गई, जो उसकी आत्मा हत्या की संभावना को संदेहास्पद बनाती थी। जांच के दौरान मृतक के पिता मोहन भाई दिलीप, भाभी सुनीता के बयान लिये गये, जिसमे यह बात सामने आई कि मृतक की पत्नी सपना के मृतक के चचेरे काका के लड़के राधेश्याम से अवैध संबंध थे। जांच के यह पाया कि सपनाबाई व राधेश्याम ने मृतक हरिनारायण को चोट पहुंचाकर बेहोश कर कैरोसिन डालकर जला दिया था, जिससे उसकी मृत्यु हो गई थी। पुलिस थाना घट्टिया द्वारा अभियुक्तगण के विरूद्ध प्रथम सूचना रिपोर्ट लेखबद्ध कर आवश्यक अनुसंधान पश्चात् न्यायालय में अभियोग पत्र प्रस्तुत किया था। 
 प्रकरण में कोई प्रत्यक्षदर्शी साक्षी नहीं था, न्यायालय में परिस्थितिजन साक्ष्य के आधार पर यह साबित किया है कि घटना की रात मृतक व आरोपिया सपना एक ही कमरे में थे, उनके अलावा उनकी एक दो साल की बच्ची भी थी, जो बोल नहीं सकती थी बहुत छोटी है। मृतक के सिर में दो बड़ी चोटे थी, मृतक की मृत्यु आत्महत्या की प्रकृति की ना होकर मानववध प्रकृति की थी। आरोपिया ने मृतक को बचाने का कोई प्रयास भी नहीं किया। 


 प्रकरण जघन्य एवं सनसनीखेज होने पर माननीय संचालक महोदय पुरूषोत्तम शर्मा द्वारा समीक्षा कर पैरवीकर्ता श्री राजकुमार नेमा, डी.पी.ओ को समय-समय पर विधिक मार्गदर्शन प्रदान किया गया है। 


नोटः- अभियुक्त राधेश्याम को संदेह के आधार पर दोषमुक्त किया गया है। 


 न्यायालय द्वारा अभियोजन के तर्कों से सहमत होकर आरोपी को दण्डित किया गया। प्रकरण में शासन की ओर से पैरवी श्री राजकुमार नेमा, डी.पी.ओ. जिला उज्जैन द्वारा की गई।  
               
                


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