उज्जैन। आमतौर पर किसी की मृत्यु हो जाने पर 3 दिन बाद उठाने का कार्यक्रम रखा जाता है, लेकिन उज्जैन वाले ग्रुप द्वारा पौधों की निर्मम ता पूर्वक हत्या किए जाने के बाद पौधों की आत्मा शांति के लिए कल सुबह 8:00 बजे रेती घाट जहां पर पौधों की हत्या की गई उसी स्थान पर उठावने का कार्यक्रम रखा गया है।आज सुबह रेती घाट पर सीवेज लाइन बिछाने के नाम पर सैकड़ों पेड़ों को काट दिया गया जो हमारे शहर के कई पर्यावरण प्रेमियों के अथक मेहनत और प्रयासों से बड़े हुए थे ।सूत्रों की मानें तो त्रिवेणी से लेकर कालियादेह महल तक इस काम के लिए लगभग 20000 से 30000 पेड़ों की बलि चढ़ाई जाएगी । फेसबुक पर उज्जैन वाले ग्रुप ने प्रशासन की कार्रवाई का कड़ा विरोध करते हुए कल सुबह रेती घाट पर इन पेड़ों के लिए श्रद्धांजलि सभा का आयोजन किया गया है, और कहां है कि साथ ही आगे विरोध की रणनीति भी बनाई जाएगी। फेसबुक पर ,उज्जैन वाले ग्रुप जिसके 100000 से भी ज्यादा सदस्य है ने सभी पर्यावरण प्रेमियों से विनम्र निवेदन किया है कि कल सुबह 8:00 बजे रेती घाट पर पहुंचे और इस लड़ाई में अपनी हिस्सेदारी दें । उल्लेखनीय है कि हजारों पेड़ों को निर्दयता से काटने वालों के खिलाफ प्रशासन ने अब तक कोई कार्यवाही नहीं की है जबकि शासन करोड़ों रुपए खर्च कर पेड़ पौधों की सुरक्षा पर ध्यान देता है, गत वर्ष भी भारतीय जनता पार्टी कि सरकार ने मध्य प्रदेश मैं नर्मदा किनारे लाखों पौधे, करोड़ों रुपए खर्च कर लगाए थे। एक और शासन और प्रशासन पर्यावरण की बात करते हुए पेड़ पौधे लगाने और उनकी सुरक्षा की बात करता है वहीं दूसरी ओर इस तरह पेड़ों की निर्ममता पूर्वक कटाई करने वालों के खिलाफ चुप्पी साध लेता है जो आश्चर्यजनक है, प्रशासन के साथ-साथ शहर के वे नेता भी खामोश है जो एक पौधा लगाकर स्वयं को शूरवीर और देश का सबसे बड़ा पर्यावरण प्रेमी घोषित कर देते हैं।
शासन प्रशासन कि आंखें खोलने के लिए उज्जैन वाले ग्रुप द्वारा पौधों की मृत्यु पर रखा गया उठावना