पुजारी एवं पुरोहितों के साथ श्री महाकालेश्वर मंदिर प्रशासक श्री रावत ने ली बैठक
उज्जैन ।श्री महाकालेश्वर मंदिर श्री महाकालेश्वर मंदिर प्रबंध समिति के प्रशासक श्री एस.एस.रावत रावत द्वारा गुरूवार 13 फरवरी सायं 05 बजे श्री महाकालेश्वर मंदिर प्रवचनहॉल में महाशिवरात्रि पर्व के संबंध में श्री महाकालेश्वर भगवान की दर्शन व्यवस्था से संबंधित चर्चा हेतु मंदिर के पुजारी/पुरोहितों की बैठक ली। जिसमें उपप्रशासक श्री पुष्पेन्द्र अहके, सहायक प्रशासक श्री चन्द्रशेखर जोशी, श्री प्रतीक द्विवेदी, सुरक्षा अधिकारी सुश्री रूबी यादव, सहायक प्रशासनिक अधिकारी श्री आर.के. तिवारी, मंदिर समिति सदस्य श्री आशीष पुजारी, पुरोहित समिति के अध्यक्ष पं. अशोक शर्मा, श्री महेश पुजारी, श्री दिनेश पुजारी, पं.कैलाश पुजारी, पं.भारत पुजारी, पं.लोकेन्द्र व्यास, पं. शैलेन्द्र शर्मा, पं.विश्वास कराहडकर, आदि उपस्थित थे।
बैठक के प्रारंभ में मंदिर प्रबंध समिति के प्रशासक श्री रावत द्वारा मंदिर में भस्मार्ती हेतु दर्शनार्थी से रूपये लेकर दर्शन कराने की घटना की कडें शब्दों में निंदा की। साथ ही सभी पुजारी/ पुरोहितों व उनके प्रतिनधियों को आचारण नियम का कडाई से पालन करने तथा मंदिर में अपने निर्धारित कार्यस्थल पर अनिवार्य रूप से परिचय पत्र धारण करने हेतु निर्देशित किया। श्री रावत ने कहा कि, मंदिर की व्यवस्था एवं सुविधाओं के आधार पर मंदिर में नियमों से ज्यादा परंपरा का महत्व है। इसलिए मंदिर में सभी को प्रशासन के साथ मिलकर व्यवस्थाओं को बेहतर बनाने के लिए एक सूत्र में कार्य करना है। सभी एक्ट में दिये गये नियमों का अक्षरक्ष: पालन करें, साथ ही अपने ड्रेसकोड एवं परिचय पत्र के साथ ही मंदिर में रहें। मंदिर समिति मंदिर की प्रचलित व्यवस्थाओं एवं परंपराओं को साथ में लेकर चलें, तथा ऐसा कोई निर्णय न ले जिससे किसी की भी श्रद्धालु की आस्था को ठेस न पहुंचे। नियमों के उल्लंघन की दशा में नियमानुसार कार्यवाही की जावेगी। साथ ही अनाधिकृत रूप से पूजन व रूपये लेते हुए पाये जाने पर एफ.आई.आर. दर्ज की कार्यवाही की जावेगी।
महाशिवरात्रि पर्व पर दर्शन व्यवस्था के संबंध में चर्चा की
श्री रावत ने 21 व 22 फरवरी को होने वाले महाशिवरात्रि पर्व की प्रवेश, दर्शन व पूजन व्यवस्था के संबंध में पुजारी/ पुरोंहितों से चर्चा की। उज्जैन की पहचान श्री महाकालेश्वर मंदिर से है और श्रद्धालुओं को सुलभ दर्शन करवाना ही हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता होनी चाहिए। श्री महाकालेश्वर मंदिर का वैभव सर्वविदित है, इसलिए बाहर से आने वाले श्रद्धालु एक अच्छी छवि लेकर उज्जैन से जावे तथा जितना हो सके सकारात्मक रूप में मंदिर की व्यवस्थाओं एवं भौतिक विकास में सहयोग करे।