उज्जैन।हमने पूरी जिंदगी सरकार की नौकरी की समय-समय पर विभिन्न सरकारें मध्यप्रदेश में आई और चली गई पेंशनर संघ की सुध किसी ने भी नहीं ली। 1 साल पूर्व प्रदेश में कमलनाथ सरकार आई और घोषणा की, जिसमें पेंशनरों को चिकित्सा सुविधा और ब्रांडेड दवाई देने का दावा किया था। क्या ये सुविधा हमारे मरने के बाद मिलेगी। इस तरह की तमाम पीड़ा पेंशनरों ने जताते हुए कलेक्टर शंशाक मिश्र को मुख्यमंत्री के नाम सोमवार को ज्ञापन सौंपा।
प्रदेश के पेंशनर संघ और वरिष्ठ नागरिकों की शीघ्र मांग पूरी करने के लिए उज्जैन, जिला पेंशनर संघ ने मुख्यमंत्री कमलनाथ के नाम पर सोमवार को कोठी स्थित कलेक्टर कार्यालय पहुंचकर ज्ञापन दिया।
कलेक्टर शशांक मिश्र को ज्ञापन देने के दौरान बताया कि वरिष्ठ नागरिकों ने बताया कि लंबे समय से वरिष्ठ नागरिक अपनी मांग पूरा करने के लिए लगातार प्रयासरत हैं।
-ये है प्रमुख मांग
मध्य प्रदेश छत्तीसगढ़ पुनर्गठन अधिनियम की धारा को विलोपित की जाए। सातवें वेतनमान का लाभ 1 जनवरी 2016 के स्थान पर 1 अप्रैल 2018 से दिया गया है।जिसमे संशोधन किया जाए। मुख्यमंत्री कमलनाथ ने वचन पत्र क्रमांक 47:31 के अनुसार प्रत्येक पेंशनर को 1000 प्रतिमाह चिकित्सा भत्ता और ब्रांडेड मेडिसिन उपलब्ध कराने की बात कही थी जिसे पूरा किया जाए। साथ ही वचन पत्र में उल्लेखित किया था कि 70 वर्ष की आयु पूर्ण करने पर पेंशनर को 20% अतिरिक्त पेंशन स्वीकृत की जाएगी। पेंशन फोरम की बैठक राजधानी संभाग और जिला स्तर पर की जाएगी जो अब तक नहीं की गई। महंगाई राहत भत्ता भी नहीं दिया गया। इस तरह अपनी सभी मांगों को अविलंब पूरा करने के लिए कारगर कार्रवाई किए जाने की मांग की है। मांग पूरा नहीं होने पर संगठन भूख हड़ताल धरना प्रदर्शन जैसे आयोजन करेगा। इस अवसर पर जिला पेंशनर एसोसिएशन के अध्यक्ष अरविंद किशोर भटनागर सचिव रमेश चंद्र शर्मा, महासचिव एल एन सोलंकी समेत दर्जनों पदाधिकारी मौजूद थे।