नई दिल्ली. सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को पलायन करने वाले लाखों प्रवासी मजदूरों को राहत दिए जाने की याचिका पर सुनवाई की। चीफ जस्टिस एसए बोबडे ने केंद्र से कहा कि आप निश्चित करिए कि पलायन ना हो। कोरोना से ज्यादा लोगों की जान तो ये दहशत ले लेगी। इस पर केंद्र ने कहा कि अब एक भी मजदूर सड़क पर नहीं है। सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने बताया कि हमने 22 लाख 88 हजार लोगों को खाना और रहने की जगह मुहैया कराई है। कोर्ट रूम में मौजूद गृह सचिव ने कहा कि अब एक भी प्रवासी मजदूर सड़क पर नहीं है और यह बात मैं ऑन रिकॉर्ड कह रहा हूं। इस पर कोर्ट ने कहा कि जिन प्रवासी मजदूरों को शेल्टर होम में रखा गया है, उन्हें समझाने के लिए अगर भजन-कीर्तन और नमाज जैसी चीजें करनी पड़ें तो वो भी कीजिए। केंद्र ने जवाब दिया कि हम काउंसिलिंग पर विचार करने रहे हैं और धार्मिक गुरुओं को भी इन शेल्टर होम में लेकर जाएंगे।
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