काल बाजारी रोकने का सार्थक प्रयास
कोरोना से निपटने में मंच की फीमेल एक्टिविस्ट ने भी सेवा कर रही है
उज्जैन। कोरोना को हराने के लिए लॉक डाउन के बीच जरुरत की चीजों की मारामारी बढ़ती जा रही है प्रशासन के सख्त कदम जनता के स्वास्थ के लिए बेहद जरूरी है पर रोजमर्रा के सामान के लिए लोग परेशान है स्वर्णिम भारत मंच ने सोश्यल डिस्टेंस मेंटेन का पालन कराने के लिए जनता से वस्तु विनियमय की अपील की है जिसमे आव्हान किया गया है कि पब्लिक को जो जरूरत है वो चीज ले ले और उनके पास ज्यादा हो तो स्वर्णिम भारत मंच को दे दे । वस्तु विनियमय सिद्धान्त हमारे देश मे कालाबाजारी को रोकने का एक बहुत बड़ा प्रयोग है जो पहले भी कई बार हो चुका है।
स्वर्णिम भारत मंच के संयोजक दिनेश श्रीवास्तव ने जानकारी दी कि प्रधानमन्त्री नरेंद्र मोदी की जनता कर्फ्यू अपील 22 मार्च से ही स्वर्णिम भारत मंच द्वारा भोजन सेवा जारी है अभी बारह हजार से अधिक बेसहारा गरीब मजदूर लोगो तक मदद पहुंचाने का प्रयास किया है लेकिन जरूरत इतनी है कि सब तक बना हुआ भोजन पाहुँचाना आसान नही है इसलिए स्वर्णिम भारत मंच द्वारा जनता से अपील की है कि वस्तु विनिमय सिद्धान्त पर चलकर एक दूसरे की हम मदद करे जिन लोगो के पास अधिक सामग्री है वो हमें देकर उनके जरूरत पूर्ति सामग्री ले ले जिससे बाजार से काला बाजारी रुकेगी
पूरे शहर में स्वर्णिम भारत मंच की सेवा ....
जिला प्रशासन द्वारा झोन स्तर पर भोजन वितरण करने के लिए अलग अलग संस्थाओं को जिम्मेदारी दी है परंतु स्वर्णिम भारत मंच पिछले कई महीनों से वृद्धजनो दिव्यांगों व असहायजन हेतु निःशुल्क भोजन सेवा कर रहा है जिसके कारण आम लोगो की सूचना स्वर्णिम भारत मंच तक पहुंच रही इसके अलावा सांसद अनिल फिरोजिया की ओर से भी भोजन वितरण की व्यवस्था स्वर्णिम भारत मंच को दी गयी है कांग्रेस भाजपा सहित अभी राजनीतिक ,सामाजिक कार्यकर्ता की सूचना पर स्वर्णिम भारत मंच सेवा दे रहा है आम लोग मंच को जानते है इसलिए भी सही जरूरतमंद को सहायता मिल रही है मंच की महिला टीम भी अब पीछे नही है वो भी कंधे से कंधा मिलाकर सेवा दे रही है
प्रशासन की गाइड लाइन में सहायता उनको मिल रही है जिनके पक्के मकान नही है जिनके घर की छत नही जो सड़क पर जींवन यापन कर रहे परन्तु स्वर्णिम भारत मंच मध्यम वर्गीय परिवारों के साथ ऐसे लोगो तक भी राहत पहुंचाने का प्रयास करता है जिनके पास लॉक डाउन होने से सामान खत्म हो गया हो जो बाजार से सामान नही ला पा रहे ऐसे परिवारों को वस्तु विनिमय सिद्धान्त से जोड़कर सेवा की जा रही हैं।