उज्जैन (मप्र
परमपूज्य सन्त उमाकान्त जी महाराज ने लोगों से अपील करते हुए कहा कि ये भाषावाद, जातिवाद,कौमवाद और एरिया वाद ये सब नाश करनेवाली चीजे है । आप लोगों को समझाओ की अगर लोग इसको बढ़ावा देंगे तो ये नाश करेगा । आप आदमी से घृणा क्यो करते हो ? अगर आप आदमी से घृणा करते हो तो उस मालिक का हुक्म नही मानते हो जिसे आप ख़ुदा, भगवान कहते हो । उसने तो कोई जातपात नहीं बनाया, उसने तो अपनी तरफ से कोई भेदभाव नहीं किया । उसने तो सबका आँख, नाक, कान, हाथ, पैर एक जैसा बनाया,खाने पीने की चीज़े बनाई, धरती,आसमान एक जैसा बनाया, तो जब वो भेदभाव नही करता तो आप क्यो करते हो ।
तो आपको भेदभाव करने की ज़रूरत नही ।
सबसे प्रेम करो तिफरेबाज़ी खत्म करों
महाराज जी ने आह्वान किया अगर इस इमरजेंसी के समय मे भी भेदभाव हुआ, जब सबकी जान को ख़तरा है, कभी भी ये रोग किसी को भी हो जाये ,किसी को भी छोड़ नही सकता । आप ये समझो कर्मों की सज़ा किसी को भी मिल सकती है,यही सत्य है । तो आप इस चीज़ को खत्म करो आप ये समझो कि इस समय तिफरके बाज़ी को खत्म करो। आपको तो लगने की ज़रूरत है,किस काम मे? की सबमे उस मालिक की रूह है और अगर मालिक से प्रेम करते हो, ख़ुदा, भगवान से प्यार करते हो तो सबसे प्यार करो,तिफरकेबाज़ी ख़त्म कर दो ।
हिन्दू, मुस्लिम,सिक्ख,ईसाई नही केवल भारतवासी बनना है ।
महाराज जी बताया कि अगर इसी तरह से आप भारत के लोग तिरकेबाज़ी बढ़ाते रहोगे । तो भारत का नाम कैसे हो पायेगा ? इस वक्त तो आपको भारत वासी बनना है । ना हिन्दू बनना है, ना मुसलमान बनना है, ना सिक्ख बनना है, ना ईसाई बनना है ना आपको अपनी प्रेस्टिज बनानी
है। जब आप डॉक्टरों पर हमला करोगे,सफाई कर्मचारियों पर हमला करोगे, पुलिसवालों पर हमला करोगे तो आपकी रक्षा कौन करेगा ? ये तो सब रक्षक
है। सफाई कर्मचारी सफाई ना करे तो गन्दगी बढ़ जाएगी । सिपाही आपकी रक्षा ना करे,डॉक्टर जान ना बचावे तो इसका मतलब आप हथेली पर मौत को रखे हुए हो,कभी भी मौत आजाये आप उसको निमंत्रण दे रहे हो,इसलिए आपको तिफरके बाज़ी भूल जाना चाहिए । इस समय तिफरकेबाज़ी भूलकर आप जितना कर सको इंसान समझ कर के इंसान के अंदर ख़ुदा, भगवान समझ कर के उसकी मदद करो ।