सेवाधाम के कर्मवीरों को नहीं सताता मौत का खौफ     


पहले 7 घंटे में भोजन बनाते और फिर 5 घंटे में वितरित करने वालों का कहना है की मानव सेवा ही माधव सेवा है -


       उज्जैन।मानव सेवा ही माधव सेवा है ,,,,,के सूत्र वाक्य पर शोषित, पीड़ित और दिव्यांगों की सेवा कर 31 वर्षों से सेवा कर रहे हैं ।सेवा धाम की ओर से भोजन के पैकेट तैयार करने में 40 लोगों की टीम 7 घंटे लगातार काम कर रही है ।टीम में सेवा धाम की मां, शारदा बालिका ग्रह की 15 लड़कियां ,रामकृष्ण बालग्रह के 15 बच्चे, सुधीर भाई ,कांता गोयल ,मोनिका गोयल गौरी गोयल के निर्देशन में हाइजेनिक अत्याधुनिक भोजन शाला में जुड़कर काम कर रही है   ।रोटी बेलने से लेकर आटा गूंथने और सब्जी काटने की मशीनों पर भी कार्य किया जा रहा है ,तब कहीं जाकर लगभग 1200  पैकेट प्रतिदिन शहर की गरीब बस्तियों, ग्राम कमेड के मजदूर परिवारों ,नागझिरी पुल चेकप्वाइंट ,नागझिरी पुलिस चेकप्वाइंट, क्वॉरेंटाइन सेंटर, देवास रोड ,हामूखेड़ी , नरसिंह घाट ,देवास रोड ,इंदौर रोड के अलावा जरूरतमंदों के लिए तैयार हो रहे हैं ।भोजन शाला में काम करने वाले कर्मी प्रातः 10:00 बजे से शाम 5:00 बजे तक भोजन बनाने में जुटते हैं ।रोटी तो मशीन से बन जाती है लेकिन दूसरे सभी इंतजाम और 5-5 रोटियों की गिनती, उनकी व्यवस्थित पैकिंग तथा सब्जी के पैकेट हाथ से ही तैयार होते हैं। भोजनशाला की संपूर्ण देखरेख सुधीर भाई और कांता भाभी द्वारा की जाती है।              हाइजेनिक भोजनशाला का उपयोग                    


   भोजनशाला पूर्ण रूप से  हाइजेनिक होने के साथ साथ सैनिटाइज भी की जाती है ।भोजन बनाने की शुरुआत के पहले 1 घंटे पूरी भोजनशाला को धोया जाता है ।इसके बाद 40 लोगों की टीम को सैनिटाइज किया जाता है ।चेहरे पर मास्क, हाथों में ग्लव्स  और सिर पर बालों की सुरक्षा का कवच पहनकर सेवा कार्य में जुट जाती है


                                                             26 मार्च से अब तक 
25000 पैकेट 
    सेवाधाम द्वारा 26 मार्च से प्रतिदिन 1000 से 1200पैकेट  प्रशासन द्वारा निर्देशित स्थानों और जरूरतमंदों को वितरित किए जा रहे हैं ।अब तक लगभग 25000 पैकेट वितरित किए जा चुके हैं ।                                      बड़ा टास्क था पर सेवा भी करनी थी 


     कर्फ्यूऔर जानलेवा बीमारी का निर्देश जल्लाद वायरस के खौफ के कारण शहर में अनजानो के बीच जाकर भोजन पैकेट बांटना ,भोजन के पैकेट तैयार करना, पैकिंग रॉ मैटेरियल हासिल करना और आश्रम के 650 से अधिक रहवासियों के लिए तीन समय के भोजन लगभग 2000 थाली  भोजन के अलावा, अतिरिक्त  1000 1200 पैकेट रोज तैयार करना बड़ा टास्क था लेकिन सेवा धाम के कर्मवीरों ने हिम्मत नहीं हारी                      


अपनों से ठुकराए गए,पर बेगानों के लिए बन रहा है भोजन 


सेवाधाम की भोजनशाला में 40 लोगों की टीम में 30 बालक बालिकाएं ऐसे हैं जिन्हें या तो अपनों ने ठुकराया है या जो स्वयं परिवार के अभाव में निराश्रितों की भांति आश्रम में रह रहे हैं लेकिन ऐसे विशेष बच्चे भी बेगानों के लिए भोजन बनाकर परोपकार के कार्य में लगे हैं। 
  विशेष भोजन भी


    26 मार्च से 16 अप्रैल के बीच श्री महावीर जयंती और श्री हनुमान जयंती जैसे विशेष पर्व पर येलो डायमंड के माध्यम से 50,000 वेजिटेरियन मीठे केक स्वास्थ्य कर्मियों, पुलिसकर्मियों ,स्वच्छता के कार्य में लगे कर्मचारियों ,पुलिस, स्टेशन ,पत्रकारों सहित नियमित रूप से भोजन के पैकेट प्राप्त करने वाले जरूरतमंदों को बांटे गए 


  वितरण टीम में 5 लोग    


 भोजन के पैकेट तैयार हो जाने के बाद, समन्वयक उपेंद्र सिंह चौहान के नेतृत्व में, धर्मेंद्र, बाबूलाल ,सुनील सहित पांच लोगों की टीम सेवा धाम से वाहन लेकर 5:00 बजे निकल पड़ते हैं जो वार्ड 17, 19 ,33 ,40, 52 ,54 के अलावा शहर के 20 से ज्यादा स्थानों पर जाकर इनका वितरण करते हैं। यह टीम रात 10:00 बजे वापस सेवा धाम पहुंचती है। रात 10:00 बजे पहुंचने वाली टीम के सभी सदस्य सेवा धाम आश्रम के गेट पर ही स्नान करते हैं तथा  वाहन को सैनिटाइज किया जाता है। कुष्ठ बस्ती में नियमित , सेवाधाम में बनने वाले भोजन के पैकेट , वितरित किए जाते हैं ।यहां आश्रम की जमीन पर होने वाली खेती से उत्पन्न सब्जियां भी वितरित की जाती है। कुष्ठ धाम के अलावा क्वॉरेंटाइन सेंटर, नागझिरी पुलिस चेकप्वाइंट ,विक्रम के हॉस्टल में भी नियमित भोजन का वितरण हो रहा है।


    नगर निगम की टीम ने भी किया निरीक्षण।          सेवा धाम पहुंचकर नगर निगम के इंजीनियर अरुण जैन और उनकी टीम ने भोजन शाला में भोजन निर्माण और भोजन पैकिंग कार्य का निरीक्षण कर संतोष व्यक्त किया इसके पूर्व नगर निगम दीमापुर श्रीमती मीना जोनवाल ने फोन पर सेवा धाम के सेवा कार्यो की सराहना करते हुए इसे अनुकरणीय कदम बताएं                              
  हमेशा आपदा में आगे              सेवा धाम पहली बार नहीं बल्कि किसी भी आपदा और विपत्ति की स्थिति में हमेशा मानव सेवा माधव सेवा के सूत्र पर काम करता रहा है। 2001 में भूकंप आने पर 50 मानव सेवियों की टीम , जिसमें अहमदाबाद के फिजियोथैरेपिस्ट, योगी डिवाइन सोसायटी के स्वामी हरिप्रसाद की टीम ,अरबिंदो इंस्टीट्यूट इंदौर के चिकित्सक भी शामिल थे ,के साथ सुधीर भाई ने भुज, कच्छ और भचाऊ में 13 माह टेंट में रहकर सेवा की ।वहां से अनाथ परिवारों को आश्रम में रहने को निवास दिया। और उनकी 18 साल तक सेवा की।


 


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