उज्जैन ( मप्र)
अफवाहों से बचना ज़रूरी है ।
देश में कोरोना महामारी के बीच उठ रही अफवाहों से लोगों को सचेत करते हुए पूज्य संत उमाकान्त जी महाराज ने जनता से आग्रह किया कि हमको पता चला परसो बहुत से लोग मुम्बई में रेलवे स्टेशन आ गए भारी संख्या में अपने गाँव अपने घर जाने के लिए तो वो लोग कौन थे? मजदूर थे ।तो मजदूरों को भी ये सोचना चाहिए हम ट्रैन या बस से जाएंगे और इस समय ये छुआछूत की बीमारी लगी है ,अगर हम चले भी जाये तो दूसरे को ख़तरा हो सकता है जान का । पता नही कौन संक्रमित है तो उसके साथ जाएंगे तो हमे भी हो जाएगा । घर मे,परिवार में जिनसे मोह लगा है उनके पास जाएंगे तो उनको बीमारी हो जाने का ख़तरा है। तो ख़तरे से ख़ुद को बचाना है ।ख़तरे में क्यो ख़ुद को और दूसरों को डालते हो। जो जहा हो अभी वही रुके रहों ।
आप थोड़ा से सब्र और करो ।आपके पास टेलीफोन नही है तो पड़ोसियों के पास है तो घर पर ख़बर भेज दो ।उनको तो ये है कि बीमारी फैली हुई है तो मेरा बेटा,मेरा पति,मेरे घर के लोग यही आ जाये एक रोटी आधा-आधा खा लेंगे ।लेकिन सामने रहेंगे तो मुलाकात होगी । तो आप उन्हें बता दोगे की हम ठीक है,सब सुख-सुविधा है ।
क्योकि अफवाह बहुत जल्दी फैल जाती है और अफवाहों में कोई दम नही होता लेकिन अफवाहों से लोग परेशान हो जाते है ।अफवाहों पर विश्वास नही करना चाहिए ।कोई कहे कि ट्रेन चल गई और आप चल पड़े ।जब रेडियो,टीवी या मोबाइल पर खबर आती है ।आज के मोबाइल के युग मे क्यो विश्वास कर लेते
हो ।और समझदार लोग तो उनमें भी है ऐसा तो है नही की बिल्कुल नही है ।तो आप समझदार लोग मजदूरों को समझाओ ये भी परमार्थ का काम है ।
उधोगपतियों और सेठों से महाराज जी की अपील
मजदूरवर्ग की समस्या के समाधान के लिए महाराज जी ने बड़े शहरों के सेठों और कल-कारखाने के मालिकों से ये आह्वान किया है कि आपको सेठ किसने बनाया ? मजदूरों और वर्करों ने बनाया । उन्होंने मेहनत की पसीना बहाया,उनकी मेहनत की कमाई से आप सेठ बने । तो इन पर भी कुछ खर्च कर दो, रख कर क्या करोगे ।बीमारी में कई सेठ चले गए जिनकी ख़बर आप तक नही आती है । गाँव मे,कस्बों में किसको पता ?की कौन चला गया ? और इस समय पर तो चुपचाप जला के आ जाते है ।जल्दी ख़बर भी नही देते की कही हमको भी कमरे में बन्द ना करदे कोरोना के चक्कर में कही हमको भी ना भेज दिया जाए एकांत वास में ।
तो आप ये समझो कि सेठों का भी कोई ठिकाना नही है ।तो जब आप जाओगे तो कोई चीज ले जाओगे ।जब शरीर छूटेगा,कोई चीज जाएगी ? किसी के साथ नही गई तो आपके हमारे साथ कैसे जाएगी । तो मुझे सेठों, उधोगपतियों से मुझे कहना है कि अगर आपको आगे बिजनस,व्यापार करना है तो इन मजदूरों को खुश रखो आप इनका ध्यान रखो।
एक-एक सेठ गोद ले मजदूर परिवारों को
महाराज जी ने कहा कि आप इतने सेठ मुम्बई में,इतने दिल्ली में, इतने कलकत्ता में हो, आप एक-एक परिवार को एक-एक सेठ गोद लेलो ।तो उनके खाने की व्यवस्था आराम से हो जाये ।आप उनको अपना परिवार मान लो । उनको क्या चाहिए ? रहने और खाने को चाहिए । अभी तो भाग रहे है । कोई ज़रूरी नही की जब आप बुलाओ तो उधर उनके पास खाना, खर्चा, किराया भाड़ा रह पावे । तो आप ये समझो की रुक जाएंगे तो स्थिति सामान्य हो जाएगी तो आपका उत्पादन बढ़ जाएगा । आपकी आमदनी
होगी । देश की जो ये समस्या है सामान की, वस्तुओं की उसकी आपूर्ति हो जाएगी । नही तो जब ये सामान खत्म हो जाएगा । खाने पीने की चीजें खत्म हो जाएगी । तो समझो, की समस्या तो आपके सामने भी आएगी । बाज़ार में जब आपको कोई चीज़ नही मिलेगी पैसे देने पर भी तो पैसे की कोई कीमत रह जायेगी । इसलिए सेठों से मुझे कहना है कि आप मजदूरों को जाने मत दो । आप उनकी व्यवस्था कर दो ।और एक -एक क्षेत्र में एक-एक सेठ उनके परिवार को गोद लेले, बच्चे की तरह देखों ।
महाराज जी ने प्रेमियों से आह्वान किया कि आप लोग भी इस समय लोगों की जान बचाने में,लोगों के भोजन में, उनके रहने में, उनकी दवा में जैसे भी हो उनकी मदद कर सको ,कर दो । ये परमार्थ का काम है ।
जयगुरुदेव