उज्जैन ।कोरोना से संक्रमण फैलने को लेकर शहर का नाम देश में चर्चाओं में रहा , कोरोना से होने वाली मौतों को लेकर भी उज्जैन का नाम सुर्खियों में रहा ,लेकिन अब तेजी से स्थितियों में सुधार होने से न सिर्फ मृत्यु दर में कमी आई बल्कि मरीज भी जल्दी ठीक हो कर घर लौट रहे हैं ,इसी बीच दिल्ली से सीक्रेट मिशन पर 2 दिन पहले एक जांच दल ने उज्जैन आकर यहां की व्यवस्थाओं को देखा और संतोष व्यक्त किया, बताया जाता है कि एआई एमएस, और कोलकाता से दो जांच दल आने के बाद, 2 दिन पहले डॉक्टरों की एक टीम केंद्र सरकार के निर्देश पर सीक्रेट मिशन के तहत जांच करने आई थी ,टीम के वरिष्ठ डॉक्टरों ने व्यवस्थाएं देखी, मरीजों से मिले और संतुष्ट हुए। इधर घर में ही रहकर इलाज कराने वाले आठ पॉजिटिव मरीज कोरोना की जंग जल्दी ही जीतने की स्थिति में है सूत्रों के मुताबिक 7 मरीजों ने यह जंग लगभग जीत ली है जबकि एक मरीज एक दिन पहले ही होम आइसोलेशन में अपना इलाज करवा रहा है। कोरोनावायरस से संक्रमण के इलाज के लिए चिन्हित आरडी गार्डी मेडिकल कॉलेज, अमलतास हॉस्पिटल देवास ,अरविंदो अस्पताल इंदौर और माधव नगर अस्पताल उज्जैन में मरीजों की संख्या बेहद कम हो गई है ,मेडिकल कॉलेज में कोरोना के इलाज के लिए 500 बेड रिजर्व है लेकिन अब यहां सिर्फ 5 मरीज भर्ती है इनमें से दो ऑक्सीजन पर है, अमलतास में सिर्फ 19 मरीज भर्ती है इनमें से सिर्फ चार आईसीयू में है, शेष वार्डों में भर्ती है। माधव नगर में भी भर्ती 10 मरीजों में से तीन ऑक्सीजन पर है, इंदौर के अरविंदो में भर्ती 25 मरीजों में से 19 में सामान्य लक्षण है जबकि दो आईसीयू में और 4 ऑक्सीजन पर है। इसके अलावा उज्जैन के पीटीएस में 31 और होम आइसोलेशन ले रहे 8 मरीजों के स्वास्थ्य में तेजी से सुधार होने के कारण इन्हें एक-दो दिन में डिस्चार्ज किया जा सकता है। सीएचएमओ डॉ महावीर खंडेलवाल ने बताया कि भारत में सर्वाधिक मृत्यु दर के कारण उज्जैन का नाम सुर्खियों में था, लेकिन अलग-अलग जांच दलों ने जांच में पाया कि मृत्यु दर अधिक होने का कारण मरीजों का देर से अस्पताल पहुंचना था, उज्जैन में 8 मरीज मौत के बाद तो 12 मरीज मृत्यु होने के 4 घंटे पहले और 8 मरीज मृत्यु होने के 12 घंटे पहले अस्पताल पहुंचे जिसके कारण उनका इलाज करने का मौका ही नहीं मिला आपने बताया कि कलकत्ता और नई दिल्ली से आई टीम ने उज्जैन में पर्याप्त बेड और साधनों की प्रचुरता देखकर संतोष व्यक्त किया है, कोरोना से जंग लिए एक और जहां कुछ लोगों ने अपनी जान की बाजी लगा दी वहीं कुछ डॉक्टर तरह-तरह के बहाने बनाकर नौकरी छोड़ना चाहते हैं एक चिकित्सक ने ppa किट से घबराहट होने तो दूसरे ने माइग्रेन के कारण नौकरी छोड़ने का आवेदन दिया, जिसे स्वीकार कर लिया गया एक अन्य चिकित्सक ने भी नौकरी करने में असमर्थता जताई लेकिन उसका आवेदन स्वीकार नहीं किया गया।
[06/06, 21:51] Sachin Goyal: उज्जैन। आज रात जारी किए गए हेल्थ बुलिटिन ने एक बार फिर चौका दिया है, बुलेटिन के मुताबिक 290 रिपोर्ट में से सिर्फ 6 पॉजिटिव मरीज सामने आए हैं लेकिन इन छह में से एक बार फिर 3 मरीजों ने चौका दिया है, इनमें से दो गोला मंडी में रहने वाले और एक 10 वर्षीय बालिका ऋषि नगर की है। होलसेल दवाई का व्यापार करने वाले गोला मंडी में निवासरत अग्रवाल परिवार के एक सदस्य अपनी पत्नी सहित कोरोनावायरस पॉजिटिव आए हैं, बताया जाता है कि होलसेल के दवा व्यापारी कुछ दिन पहले गोला मंडी में ही रहने वाले एक कंपाउंडर के संपर्क में आए थे उक्त कंपाउंडर कोरोनावायरस से संक्रमित होने के कारण उक्त दवा व्यापारी भी चपेट में आ गया। उनके साथ उनकी 64 वर्षीय पत्नी भी चपेट में आ गई, आज जैसे ही यह खबर दवा बाजार में पहुंची एक बार फिर दवा बाजार के व्यापारी सकते में आ गए, उज्जैन का होलसेल दवा बाजार शनिवार और रविवार 2 दिन के लिए पूरी तरह बंद कर दिया गया है क्योंकि 1 दिन पहले इसी बाजार के दवा व्यवसाई का पूरा परिवार कोरोना पॉजिटिव आया था। उक्त व्यापारी ई ब्लॉक में दुकान संचालित करता था इस कारण ई ब्लॉक सोमवार को भी बंद रहेगा। इधर आज जो व्यापारी कोरोना पॉजिटिव आया है उनका भी पुरानी सिटी में दवाई का होलसेल व्यापार है। और उज्जैन की बहुत पुरानी फर्म है। इस व्यापारी के अलावा ऋषि नगर में रहने वाली 10 वर्षीय एक बालिका भी कोरोना की चपेट में आ गई है, ऋषि नगर में यह पहला मामला है। इसके अलावा आज 2 मौत भी हो गई है इनमें से एक वेद नगर में रहने वाले अग्रवाल परिवार के 70 वर्षीय वृद्ध है जो उज्जैन के तेजनकर अस्पताल में अपना इलाज करवा रहे थे और संभवत वहीं से संक्रमित हो गए थे, उनका पुत्र भी कल संक्रमित आया था। इसके अलावा विक्रय कर विभाग के सेवानिवृत्त निरीक्षक की भी देवास रोड स्थित अमलतास अस्पताल में मौत हो गई उज्जैन में कोरोना से मरने वालों की संख्या अब बढ़कर 64 हो गई है। राहत की बात यह भी है कि उज्जैन मै अब सिर्फ 27 ऐसे मरीज हैं जिनमें कोरोना के लक्षण है जबकि 55 ऐसे मरीज अभी भर्ती है जिनमें कोई लक्षण नजर नहीं आ रहे हैं इन मरीजों की दो-तीन दिन में घर वापसी हो सकती है। सीएचएमओ डॉ महावीर खंडेलवाल ने बताया कि उज्जैन में अब बहुत कम संख्या में मरीज भर्ती है और जो भर्ती है वह भी बहुत जल्दी डिस्चार्ज होने की स्थिति में है।