दुराचारी ने फिर दिखाया कोरोना संक्रमण का भय

    राजगढ। माननीय न्यायालय विशेष न्यायाधीश पाॅक्सो एक्ट श्रीमति अंजली पारे राजगढ ने थाना राजगढ के अपराध क्रमांक 124/2019 धारा 363, 366, 376(2) भादवि एवं 5/6 पाॅक्सो एक्ट में नाबालिग अभियोक्त्री अपह्रत करने एवं बलात्कार करने के आरोपी पीरूलाल का जमानत आवेदन निरस्त कर दिया गया है।


          अभियोजन कहानी संक्षेप में इस प्रकार है कि फरियादी द्वारा पुलिस थाना राजगढ में इस आशय की रिपोर्ट लेख कराई कि दिनांक 19 मार्च 2019 को फरियादी मजदूरी करने गांव में गया हुआ था। जब शाम को घर आया तो पत्नि ने बताया कि अभियोक्त्री बिना बताये कही चली गई है और घर पर नही आई है। अभियोक्त्री को तलाश करने परन्तु वह नहीं मिली। जिस पर अपराध की कायमी कर विवेचना प्रारंभ की गई। विवेचना के दौरान अभियोक्त्री को राजगढ से दस्तयाब कर बयान दर्ज करने के उपरांत प्रकरण में आवश्यक धाराओं का इजाफा किया गया। 


 


         अभियुक्त पीरूलाल ने न्यायालय के समक्ष जमानत अर्जी प्रस्तुत कर निवेदन किया कि वर्तमान में कोनोना वायरस का संक्रमण तेजी से बढ रहा है और यदि वह न्यायिक अभिरक्षा में जेल में निरूद्ध रहता है तो जेल में संक्रमण होने का खतरा है। इसके अलावा अभियुक्त ने पीडित बालिका के परिवार वालों से दुश्मनी होने और दुश्मनी के कारण झूठी रिपोर्ट लिखायी जाकर झूठा फसाया गया है, बतलाते हुए जमानत की मांग की थी। जिस पर प्रकरण में विशेष लोक अभियोजक श्री आलोक श्रीवास्तव द्वारा जमानत का विरोध करते हुए तर्क किया गया कि अभियुक्त नाबालिग बालिका को बहला-फुसलाकर ले गया था और उसे अपने साथ करीबन 4 माह तक रखा और उस बीच आरोपी पीरू ने कई बार नाबालिग बालिका के साथ शारीरिक संबंध बनाये है। जेल में समय-समय पर सेनेटाईजेशन किया जा रहा है साथ ही कोविड-19 की गाईडलाईन का पूर्णतः पालन किया जा रहा है। इस कारण किसी भी प्रकार के संक्रमण फैलने की कोई भी आशंकाएं नहीं है। अतः अभियुक्त का जमानत आवेदन निरस्त किया जावे। 


   न्यायालय ने दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद आरोपी पीरूलाल के जमानत आवेदन को निरस्त कर दिया है।