मंगेतर का जमानत आवेदन खारिज
चालान समय पर पेश न करने का तर्क भी नहीं आया काम- जेल में ही रहना होगा
राजगढ। जिला न्यायालय में पदस्थ माननीय विशेष न्यायाधीश पॉक्सो एक्ट श्रीमति अंजली पारे ने थाना भोजपुर के अपराध क्रमांक 126/2020 धारा 317, 316, 376(2)(एन) भादवि एवं 5/6 पॉक्सो एक्ट में नाबालिग बालिका के साथ दुष्कर्म करने वाले आरोपी मांगीलाल पिता देवीलाल निवासी ग्राम पीपल्याख्वास, थाना भोजपुर की जमानत अर्जी खारिज कर दी है।
अभियोजन कहानी इस प्रकार है कि फरियादी ने दिनांक 28 अप्रेल 2020 को थाना भोजपुर में इस आशय की रिपोर्ट लिखवाई कि सुबह जब वह हेण्डपम्प पर पानी भरने गया तो उसे किसी बच्चे की रोने की आवाज सुनाई दी जब उसने आसपास देखा तो सड़क के किनारे एक बच्चा पड़ा हुआ था जब वह वहां उसको देखने गया तो वह एक नवजात शिशु था। वहां पर उपस्थित लोगों ने 108 पर फोन कर एंबुलेंस को बुलाया एवं फरियादी आशा कार्यकर्ता के साथ बच्चे को खिलचीपुर अस्पताल ले गया था। अस्पताल में शिशु करीब 5-6 घंटे उपचाराधीन था, इसी दौरान उसकी मृत्यु हो गई। जिस पर मर्ग क्र 11/20 धारा 174 जाफौ का पंजीबद्ध कर शव पंचायतनामा कार्यवाही कर पोस्ट मार्टम करवाया गया तथा नगरपालिका राजगढ के सहयोग से शमशान घाट में दफनाया गया और प्रकरण में जांच उपरांत धारा 316 भादवि के अपराध की कायमी की गई।
पंजीबद्ध अपराध की विवेचना प्रारंभ की गई। विवेचना के दौरान नवजात शिशु की मां के रूप में अभियोक्त्री का होना पता चला जिससे पूछताछ की तो उसने बताया कि आरोपी बंकट जो उसका सौतेला भाई है, ने उसके साथ कई बार जबरदस्ती शारीरिक संबंध बनाये थे जिसके कारण उसे 6-7 माह का गर्भ था एवं पेट में दर्द होने की वजह से अभियोक्त्री अपने आरोपी मांगीलाल के साथ इलाज हेतु खिलचीपुर गई थी वहां से आते वक्त रास्ते में ज्यादा दर्द होने लगा जिस कारण उसकी वहीं पर डिलिवरी हो गई एवं आरोपी मांगीलाल के कहने पर अभियेक्त्री बच्चे को वहीं पर छोड़कर आ गयी। तब प्रकरण में धारा 376(2)(एन) भादवि-बार बार बलात्कार करने, 5/6 पॉक्सो एक्ट - नाबालिग से बलात्कार करने की धाराएं अधिरोपित की गईं। आरोपी बंकट और मांगीलाल को गिरफ्तार किया गया।
वर्तमान स्तर पर उक्त प्रकरण की विवेचना जारी है, आरोपी मांगीलाल ने न्यायालय को अपना जमानत आवेदन पत्र इस आधार पर प्रस्तुत किया कि विवेचना में 60 दिन से अधिक समय हो गया है और उसके ऊपर पुलिस ने जो धाराएं लगाई है उनमें 60 दिन के भीतर विवेचना पूर्ण किये जाने का प्रावधान है। इस कारण उसे जमानत दी जाये।
जिस पर विशेष लोक अभियोजक श्री आलोक श्रीवास्तव ने तर्क किये कि प्रकरण में नाबालिग अभियोक्त्री के साथ बार- बार किये गये बलात्संग के फलस्वरूप वह गर्भवती हुई हुई थी। जिसकी धाराएं लगाईं गयी है और इन धाराओं में चालान पेश करने का समय 90 दिन है।
अभियुक्त मांगीलाल पर आरोपित धाराओं में भले ही 60 दिन में चालान पेश करने का प्रावधान हो किन्तु पूरे प्रकरण में लगाई गई धाराओं से यह निर्धारित होगा कि विवेचना कितने दिनों में पूर्ण की जाये और उसके अनुसार पुलिस को पॉक्सो एक्ट में अभियोग पत्र 90 दिन के अंदर न्यायालय में पेश करने का प्रावधान है, तथा इस प्रकरण में चालान पेश करने की निर्धारित अवधि अभी शेष है। इस प्रकरण में अभी अनुसंधान अपूर्ण होकर प्रकरण अभी विवेचना में है। यदि आरोपी को जमानत पर रिहा किया जाता है तो वह प्रकरण में महत्वपूर्ण साक्षियो पर दबाव बनाकर अभियेजन की साक्ष्य को प्रभावित करेगा। इस कारण आरोपी को जमानत पर रिहा न किया जावे।
अभियोजन के तर्कों और अभियोजन कहानी से सहमत होते हुए अभियुक्त मांगीलाल का जमानत आवेदन पत्र खारिज कर जेल में ही रखे जाने के आदेश प्रसारित किये है।
- बगैर लायसेंस के कट्टा रखने वाले को न्यायालय ने जेल भेजा
राजगढ/खिलचीपुर । न्यायालय माएननीय न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी, खिलचीपुर जिला राजगढ ने थाना भोजपुर के अपराध क्रमांक 211/2020 धारा 25, 27 आम्र्स एक्ट में बिना लायसेंस के 315 बोर का कट्टा रखने वाले आरोपी प्रहलाद पिता नारायणसिंह बावड़ीखेड़ा थाना भोजपुर की जमानत अर्जी खारिज कर दी है।
अभियोजन कहानी इस प्रकार है कि भोजपुर पुलिस को दिनांक 7 जुलाई 2020 को इलाका भ्रमण के दौरान मुखबिर द्वारा सुचना मिली कि ग्राम सेमलीकला के आगे राजगढ जोड़ पर एनएच-52 पर एक व्यक्ति संदिग्ध हालत में बैठा है जिसके पास हथियार हो सकते है। मुखबिर द्वारा दी गई सूचना से हमराह बल को अवगत कराया एवं सूचना की तश्दीक हेतु रवाना होकर राजगढ जोड़ पंहुचा। मुखबिर द्वारा बताये हुलिये के व्यक्ति को तलाश किया तो एक व्यक्ति संदिग्ध हालत में बैठा दिखा जो पुलिस को देखकर भागने लगा जिसे घेराबंदी कर हमराह पुलिस की मदद से पकड़ा व नाम पता पूछा तो उसने अपने नाम प्रहलाद पिता नारायणसिंह निवासी बावड़ीखेड़ा का रहने वाला बताया। व्यक्ति के कमर पर एक 315 बोर का देशी कट्टा चालू हालत में व एक जिन्दा कारतूस मिला जिसके रखने का लायसेंस एवं वैध कागज मांगे तो नहीं होना बताया । आरोपी का कृत्य 25,27 आम्र्स एक्ट का दण्डनीय पाया जाने से कट्टा जब्त कर कब्जे में ले लिया गया था। आरोपी को गिरफ्तार कर थाना लाया गया जिसके बाद अपराध कायम कर विवेचना में लिया गया।
उक्त प्रकरण आरोपी प्रहलाद ने न्यायालय को अपना जमानत आवेदन पत्र प्रस्तुत कर जमानत की मांग की थी।
राज्य की ओर से एडीपीओ श्री मथुरालाल ग्वाल ने पैरवी करते हुए न्यायालय के समक्ष तर्क किया कि यदि आरोपी को जमानत पर रिहा किया गया तो वह प्रकरण में होने वाली साक्ष्य को प्रभावित करेगा। इस कारण आरोपी को जमानत पर रिहा न किया जावे। अभियोजन के तर्कों और अभियोजन कहानी से सहमत होते हुए अभियुक्त प्रहलाद का जमानत आवेदन पत्र खारिज कर जेल भेज दिया है।