ऋषि नगर में 24 घंटे में जेठानी और देवरानी की मौत, सखी पुरा की महिला को जी भर कर लूटा फिर भी नहीं बची जान,अल सुबह मौत होने पर शाम को नसीब हुआ शव वाहन, कोरोना से मरने वालों की सही जानकारी देने वाला कोई नहीं

उज्जैन। शहर में कोरोना के बढ़ते मरीजों को लेकर हड़कंप मचा हुआ है दिन प्रतिदिन मरीजों की बढ़ती संख्या के कारण एक और जहां अस्पतालों में मरीजों को भर्ती करने से इनकार किया जा रहा है वहीं दूसरी ओर भर्ती मरीजों की मौत को लेकर भी स्थितियां स्पष्ट नहीं है ।कोरोना से मरने वालों की संख्या को लेकर शुरू से ही प्रशासन को शक की निगाहों से देखा जा रहा है, शुरुआत में होने वाली मौतों से कहीं अधिक मौतें अब हो रही है लेकिन किसे कोरोना मौत माना जाए और किसे नहीं यह स्पष्ट नहीं है ,या फिर कोरोना से होने वाली मौतों को छुपाया जा रहा है ।ऋषि नगर में कम्युनिटी हॉल के सामने रहने वाले श्रीवास परिवार में 24 घंटे में देवरानी और जेठानी की मौत कोरोना से हो गई लेकिन इनकी मौतों को कोरोना से होना माना गया या नहीं इसे लेकर स्थिति स्पष्ट नहीं है,इधर विजयवर्गीय समाज के सम्मानित सदस्य एवं समाजसेवी श्री पुरुषोत्तमजी विजयवर्गीय (महेश विहार) उज्जैन का दुखद निधन आज 18 अगस्त शुक्रवार को प्रातः 5:00 हो गया था


आपका कई दिनों से करोना का इलाज चल रहा था, इस मौत को भी कोरोना मौत माना गया या नहीं स्थिति स्पष्ट नहीं है, लेकिन


करोना प्रोटोकॉल के अंतर्गत अंत्येष्टि कार्यक्रम में सिर्फ परिवार के सदस्य ही शामिल हुए,श्री विजयवर्गीय की मौत को लेकर दुखद यह भी है कि उनकी मौत सुबह 5:00 बजे के लगभग हुई जबकि दोपहर में 3:00 बजे तक शव वाहन उपलब्ध नहीं कराया गया, इसी तरह पाटीदार हॉस्पिटल में इलाज करवा रही सखी पुरा निवासी एक प्रतिष्ठित परिवार की 58 वर्षीय महिला की मौत भी आज सुबह हो गई उक्त महिला पिछले आठ-दस दिनों से पाटीदार अस्पताल में कोरोना से पीड़ित होकर अपना इलाज करवा रही थी इस बीच अस्पताल में जी भर कर लूटपाट करने में कोई कसर नहीं रखी,t मौत के पहले बताया जाता है कि महिला की रिपोर्ट फिर से पॉजिटिव आने पर तथा परिजनों ने प्राइवेट अस्पताल में इलाज कराने में असमर्थता जाहिर कर दी थी लेकिन शासकीय अस्पताल में उन्हें इसलिए भर्ती नहीं किया, क्योंकि प्राइवेट अस्पताल मैं हुई कोरोना पॉजिटिव रिपोर्ट पर संभवत अस्पताल को विश्वास नहीं था, लिहाजा कल उनका सैंपल वापस लिया गया था इसी बीच रिपोर्ट आने के पहले ही आज सुबह महिला की मौत हो गई। इस मौत को कोरोना पॉजिटिव मौत में शामिल किया जाएगा या नहीं यह तो आज शाम को ही पता चलेगा, यह कुछ उदाहरण है ,दरअसल बड़ी संख्या में लोगों की मौत हो रही है और अंतिम संस्कार भी कोरोना प्रोटोकाल के तहत ही किया जा रहा है लेकिन मौत के आंकड़ों को क्यों छुपाया जा रहा है इसका जवाब किसी के पास नहीं है सभी के अपने अपने तर्क है। इधर प्राइवेट अस्पतालों में मरीजों के साथ भारी लूटपाट की जा रही है इस लूटपाट को रोकने के लिए भी प्रशासनिक स्तर पर कोई ठोस कदम नहीं उठाए जा रहे हैं। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी द्वारा प्रतिदिन जारी किए जाने वाले हेल्थ बुलेटिन में भी मृतकों की जानकारी को लेकर स्पष्ट उल्लेख नहीं रहता है यह जानकारी भी अधूरी दी जाने से पता नहीं चलता है कि किस मौत को कोरोना मौत माना गया


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