●
जिला अभियोजन अधिकारी श्री मो. अकरम शेख द्वारा बताया गया कि कमलेश मीणा न्यायिक मजिस्ट्रेट महू के न्यायालय में थाना बडगोंदा के अपराध क्रमांक 426/2020 धारा 3,7 आवश्यक वस्तु अधिनियम 1955 में आरोपी मोहनलाल अग्रवाल उम्र 60 वर्ष निवासी गोकुलगंज महू के द्वारा जप्त शुदा ट्रकों को सुपुर्दगी में दिये जाने का आवेदन पेश किया गया। अभियोजन की ओर से एडीपीओ श्रीमती संध्या उइके के द्वारा ट्रकों को सुपुर्दगी पर न दिये जाने के लिए न्यायालय के समक्ष तर्क रखे गए कि, अपराध गंभीर प्रकृति का होकर राजसात की कार्यवाही जिला मजिस्ट्रेट के अधीन प्रक्रियाधीन हैं चूकि विधि अनुसार दो प्रक्रिया एक साथ नही चल सकती हैं अत: माननीय न्यायालय से निवेदन किया गया कि, घटना में प्रयुक्त ट्रक क्रमांक MP 09 KA-2355, MP 06 E 2566, MP-09 KC-0132, MP-09 KA -0950, MP-09 KB-4411, MP-09 KA-0563, MP-09 KB -7257, MP-09 KD-0530 को सुपुर्दगी पर नही दिया जाए। न्यायालय द्वारा तर्को से सहमत होते हुए जप्त शुदा ट्रकों का सुपुर्दगी आवेदन पत्र निरस्त किया गया।
अभियोजन कहानी संक्षेप में इस प्रकार है कि, बडगोंदा थाने पर फरियादी जितेन्द्र शिल्पी कनिष्ठ आपुति अधिकारी डॉ. अंबेडकर नगर के लिखित आवेदन पत्र पर से आरोपी मोहनलाल अग्रवाल पिता जगन लाल अग्रवाल उम्र 60 वर्ष निवासी 2429 गोकुलगंज महू जिला इंदौर के विरूद्व अपराध क्रमांक 426/2020 धारा 3,7 आवश्यक वस्तु अधिनियम 1955 का पंजीबद्व किया गया। जांच दल कनिष्ठ आपूर्ति अधिकारी जितेन्द्र शिल्पी व उनकी टीम द्वारा मैाका जांच मंडी प्रांगण में खडे वाहनों के ईधन टैंक में सार्वजनिक वितरण प्रणाली के तहत प्रदत्त नीले केरोसिन का उपयोग आईल के साथ मिश्रित कर ईधन के रूप में उपयोग किया जाना पाया गया। आरोपी के द्वारा पीडीएस के तहत गरीबों को मिलने वाले कैरोसिन का उपयोग अपने उक्त 08 ट्रकों में किया गया। लिखित आवेदन पत्र पर अपराध पंजीबद्व कर विवेचना में लिया गया।
पैसा जमा स्कीम के नाम पर 50 लाख रुपये की धोखाधडी करने वाले आरोपी का सात दिन का पुलिस रिमाण्ड
जिला अभियोजन अधिकारी मो. अकरम शेख द्वारा बताया गया कि, न्यायालय श्री नितिन कुमार मुजाल्दा न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी सांवेर जिला इंदौर के समक्ष थाना सांवेर के अप.क्र. 440/2017 धारा 420, 406 भादवि में गिरफ्तारशुदा आरोपी जितेन्द्र कुमार सोनी निवासी पार्क सोसाइटी बड़ोदरा गुजरात को न्यायालय के समक्ष पेश किया गया एवं पुलिस अभिरक्षा इस आधार पर चाही गयी कि आरोपी से अपराध के संबंध में पूछताछ एवं अन्य जानकारियां एवं रुपये जप्त किये जाना ।अभियोजन की ओर से एडीपीओ श्री विशाल गुप्ता द्वारा तर्क रखे गये । अभियेाजन के तर्को से सहमत होते हुए न्यायालय द्वारा आरोपी का 05.10.2020 तक पुलिस रिमाण्ड स्वीकार किया गया।
अभियोजन कहानी संक्षेप में इस प्रकार है कि फरियादी द्वारा दिनांक 31.07.14 को रिपोर्ट दर्ज की गयी कि हम धरमपुरी निवासी है जितेंद्र कुमार सोनी जो कि हलधन रियलिटी इंडिया कंपनी गुजरात का मालिक है और वह कंपनी में लोगो से मासिक निबेश कराता है उसने हमें बताया कि कंपनी में प्रति माह ₹600- 600 रुपये निवेश करने पर 3 साल में कोई ₹21600 जमा होने के बाद 3 साल की अवधि पूरी होने पर ₹28800 प्राप्त होंगे वह बोला कि मेरी कंपनी में धर्मपुरी के कई लोगों ने जमा पॉलिसियों ले रखी है तो मैंने व मेरे भाई धर्मेंद्र ने जितेंद्र कुमार सोनी की बातों पर विश्वास कर उसकी कंपनी में दो पॉलिसी ली और प्रत्येक माह 600-600 रुपये जमा करते गए पालिसी 31.7.17 को मैच्योर हो गयी उसकी कंपनी में कई लोगो ने पैसा जमा किया जब मेरी व मेरे भाई की पालिसी मैच्योर हो गयी तो पालिसी के रुपए प्राप्त करने हेतु कई बार फोन से संपर्क किया गया तो जितेंद्र सोनी द्वारा ना तो फोन उठाया गया या उसका फ़ोन बंद बताया मैंने धर्मपुरी के अन्य लोगों व संजय मानने वालों से जितेन्द्र सोनी के संबंध में चर्चा की तो उनके द्वारा भी बताया गया कि कंपनी का ऑफिस बंद हो गया है ओर हमारे साथ धोखाधड़ी हुई है धर्मपुरी के अन्य लोगों एवं हमारे साथ लगभग 50 लाख रुपए की धोखाधड़ी की है जितेंद्र सोनी के निवास स्थान का पता किया तो उसका निवास स्थान आरटीओ वर्षीया ऑपोजिट पार्क सोसायटी वडोदरा का पता चला । अतः उक्त आरोपी के विरुद्ध प्रथम सूचना रिपोर्ट लेखबद्ध की जाए उक्त सूचना पर से अपराध पंजीवद्ध कर विवेचना में लिया गया।
झूठे रेप केस के मामले में फंसाने की धमकी देकर रूपये ऐठने वाली महिला की हुई जमानत खारिज
जिला अभियोजन अधिकारी मो. अकरम शेख द्वारा बताया गया कि, न्यायालय श्री नितिन कुमार मुजाल्दा न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी तहसील सांवेर जिला इंदौर के समक्ष थाना चंद्रावतीगंज के अप.क्र. 89/2020 धारा 384, 386 भादसं एवं 66सी सूचना प्रोघोगिकी अधिनियम में गिरफ्तारशुदा आरोपिया द्वारा जमानत आवेदन पेश किया गया था और जमानत पर छोडे जाने का निवेदन किया गया । अभियोजन की ओर से श्री विशाल गुप्ता एडीपीओ द्वारा जमानत आवेदन का विरोध करते हुए कहा गया कि यदि आरोपिया को जमानत का लाभ दिया गया तो पुन: अपराध करेगी , आरोपिया के फरार होने की संभावना है, आरोपिया का अपराध गंभीर प्रकृति का है, अत: आरोपिया का जमानत आवेदन निरस्त किया जाए । अभियेाजन के तर्को से सहमत होते हुए न्यायालय द्वारा आरेापिया का जमानत आवेदन निरस्त किया गया ।
अभियोजन कहानी संक्षेप में इस प्रकार है कि फरियादी द्वारा बताया गया कि मेरे एक दोस्त ने मुझे व्यवसाय करने के लिए एक महिला से मिलवाया जिसने मुझे ब्यूटी पार्लर एवं स्पा खोलने का बोलकर उसमें इन्वेसमेंट करवाया मैं गांव में रहता था तो मुझे पता चला कि मेरी पार्टनर महिला पार्लर की आड में गलत धंधा करती है मैंने उसे गलत धंधा करने से मना किया तो वह मान गई परंतु उसने मुझे प्यार के झांसे में फंसा लिया वह मुझे अपने गांव जाने से मना करती थी जब मैं गांव जाने का कहता था तो वह कहती थी कि मेरे साथ जो फोटो है वह तुम्हारे समाज के फेसबुक ग्रुप पर डाल दूंगी जिससे तुम बदनाम हो जाओगे और मुझे गुंडों से मरवाने की धमकी भी देती थी और कहती थी कि तुमने मुझे रूपये नहीं दिये तो मै तुम्हें झूठे बलात्कार के केस में फंसवा दूगी। मैं डर गया और उसके कहने पर समय समय पर उसे पैसा देता रहा जिस कारण मुझे मेरी जमीन भी बेचना पडी । जब मैं उक्त महिला से त्रस्त आ गया तो मैने साढू भाई केा पूरी बात बताई तब मेरे साढू भाई ने महिला से बात की कि पीछा छुडाने के लिए कितने रूपये लोगी तो 3 लाख रूपये में सौदा हुआ जो पैसे हमने महिला को दिए जिसकी हमने लिखित नॉटरी करबाई उसके बाद मैं गांव जाकर खेती किसानी करने लगा उसके बाद भी उक्त महिला मुझे ब्लेकमेल करती और मेरे गांव आकर चिल्लाचोट करती और मुझे बदनाम करती है जिससे कि मुझसे और पैसा वसूल करने का मौका मिल जाए उक्त महिला ने मेरी फेसबुक आईडी फर्जी बनाकर उसमें मैसेज डाला कि मेरी थर्ड वाइफ प्रेग्नेंट है तथा उसमें एक लड़के का फोटो डालकर माय चायल्ड लिखकर बदनाम किया उक्त महिला कई लड़कियों से देह व्यापार भी करवाती है । उक्त महिला पांच-छह दिन से मुझसे 13 लाख रुपए मांग रही है और धमकी दे रही है कि यदि पैसे नहीं दोगे तो मै झूठे बलात्कार के प्रकरण में फंसा दूगी मैं बहुत अभिग्रस्त हो गया हू जिसकी रिपोर्ट आज थाने पर करने आया हूं जिस पर से अपराध पंजीबद्ध का विवेचना में लिया गया