दहेज प्रताड़ना तथा अपनी ही पत्नी की मृत्यु कारित करने वाले आरोपी पति का जमानत आवेदन निरस्त

 


मध्य प्रदेश राज्य की ओर से अभियोजन अधिकारी श्री विनोद प्रताप सिंह हुए उपस्थित


नागौद न्यायालय के द्वितीय अपर एवं सत्र न्यायाधीश श्री बी डी राठौर द्वारा थाना जसोके अपराध धारा 498, 302 भादवि0 एवम 3/4 दहेज प्रतिषेध अधिनियम के तहत आरोपी खेलावन चौधरी पिता श्री फग्गू चौधरी उम्र 25 वर्ष निवासी ग्राम सुरदहा कला थाना जसो जिला सतना का जमानत आवेदन आज दिनांक 15/10/2020 को निरस्त किया गया।


मध्य प्रदेश राज्य की ओर से अभियोजन अधिकारी श्री विनोद प्रताप सिंह ने समग्र आधारों पर आरोपी के जमानत आवेदन का विरोध किया।


सहायक मीडिया प्रवक्ता विनोद प्रताप सिंह के द्वारा बताया गया है कि, दिनांक 21/09/2019 को मृतिका की ससुराल में उसकी आग लगने से मृत्यु हो गयी थी। मृतिका ने मृत्यु से पहले अपने भाई से बताया था कि उसके पति ने उसको मिट्टी का तेल डालकर आग लगा दी जिसकी वीडियो रिकॉर्डिंग मृतिका के भाई के मोबाइल पर थी। उक्त अपराध पर थाना जसो द्वारा दौरान विवेचना आरोपी तथा घटना के अन्य साक्षी तथा अन्य साक्ष्यों को जब्त कर न्यायालय के समक्ष पेश किया था।


उक्त अपराध पर संज्ञान लेते हुए द्वितीय अपर सत्र न्यायाधीश द्वारा अपराध की गंभीरता को ध्यान में रखते हुए आरोप द्वारा उक्त धाराओं में प्रस्तुत जमानत आवेदन को आज दिनांक 15/10/2020 को नामंजूर कर दिया गया


*धोखाधडी करने वाले आरोपी का सोने की अंगूठी , ब्रेसलेट, चेन, मोबाइल की सुपुर्दगी का आवेदन निरस्त* 


        माननीय न्यायालय मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी राजकुमार त्रिपाठी जेएमएफसी सतना के न्यायालय द्वारा दुष्यंत सिंह तनय स्व0 श्री रामावतार सिंह पटेल निवासी करही खुर्द थाना उचेहरा , गोपाल मिश्रा तनय छविनाथ मिश्रा निवासी इटमा जिला वाराणसी , राजेश तिवारी तनय सीताराम तिवारी निवासी वर्थराखुर्द जिला वाराणसी द्वारा धारा 420, 467, 468, 471 भादवि में सोने की अंगूठी, ब्रेसलेट , चेन, मोबाईल की सुपुर्दगी का आवदेन निरस्त किया गया । सुपुर्दगी आवेदन का विरोध श्री संदीप कुमार एडीपीओ द्वारा की गई । 


       अभियोजन प्रवक्ता श्री हरिकृष्ण त्रिपाठी ने बताया कि फरियादी आवेदक विजय कुमार द्विवेदी द्वारा गढिया टोला में फर्जी आर्टिफीसियल गैलरी खोलकर जनता से नगदी राशि हडप कर कम्पनी बंद कर भाग जाने बाबत लिखित आवेदन दिया गया था । आवेदक द्वारा यह रिपोर्ट की गई कि 7-8 माह पूर्व यह हल्ला हुआ कि बगहा मेे एक कंपनी आर्टिफीशिल के नाम पर खुली है जिसके मालिक राजेश तिवारी है और ऐसी चर्चा थी कि वह एक लाख रू0 जमा कराकर बतौर सिक्योरिटी जमा रहेगा और उसमें से एक पैकेट तु‍लसी की गुरिया मिलेगी जिसमें सौ माला बनती है । एक लाख के 10 पैकेट मि‍लेगे उसमें एक पैकेट की तुलसी की गुरिया मिलेगी । दिनांक 08/12/19 को बगहा स्थिति आफिस में मालिक से मिलने पर मालिक ने आवेदक से कहा कि जितना ज्यादा पैसा जमा करोगे उतना ज्यादा माला की गुरिया मिलेगी । तब दिनांक 09/12/19 को गढिया टोला स्थिति आफिस में आवेदक गया और राजेश तिवारी से मिलकर दो लाख रू0 नगद दिया । और उसने 20 पैकेट तुलसी की माला की गुरिया दिये और बोले कि जब तुम माला बनाकर लाओगे तब तुम्हारे दिये हुए पैसे की रसीद मिलेगी । तब आवेदक दिनांक 16/12/19 को राजेश तिवारी के पास गढिया टोला स्थिति आफिस में दो हजार माला जमा किया और गुथाई के रूप में नगदी बीस हजार रू0 दिये एवं आवेदक द्वारा जमा किये गये 2 लाख रू0 की रसीद दस दस हजार की दस रसीद कुल एक लाख रू0 की रसीद दिये दिये और बोला गया कि आज कम्प्‍यूटर खराब है अगले दिन बाकी बचे हुए एक लाख रू0 की रसीद लेना दिनांक 17/12/19 को राजेश तिवारी फोन करके बुलाए । पुन: दस दस हजार की दस रसीद कुल एक लाख रू0 की रसीद राजेश तिवारी ने आवेदक को दिया । इसी प्रकार दिनांक 23/12/19 को आवेदक माला गुथकर राजेश तिवारी को दिया और राजेश तिवारी ने 20 हजार रू0 नगद दिया । और बोला कि और पैसा लगाओ । और ज्यादा से ज्यादा लोगो को लाने पर सुपरवाइजर बना दूंगा । और कमीशन की बात भी आरोपी द्वारा बोला गया । दिनांक 08/01/2020 को आफिस पहुंचने पर आफिस में ताला बंद था तथा चौकीदार ने बताया कि आरोपी राजेश तिवारी रात को ही यहा से चले गये है । राजेश तिवारी के साथ अन्य अरोपीगण भी थे जो माला बनाने की स्कीम में लगे थे । आवेदक के अलावा अन्य लोगो से भी इसी तरह का झांसा के कपट पूर्वक राशि जमा कराकर सभी को नगदी पैसा लेकर आरोपीगण भाग गये थे । 


विवेचना के दौरान आरोपी राजेश तिवारी ने मेमोरेण्डम कथन में बताया कि धोखाधडी से लिये गये पैसे से मेरे द्वारा सोने की चैन , अंगूठी , तथा ब्रेसलेस खरीदा गया था । 


शारदा प्रबंधक समिति मैहर की राशि गवन करने बाले आरोपीगण को 3 वर्ष का सश्रम कारावास और जुर्माने की सजा।


न्यायालय- श्रीमान सुरेश यादव न्यायायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी मैहर। आर्थिक अपराध शाखा रीवा इकाई के अपराध क्रमांक 11/2001,धारा 120बी,409,467,468,477ए भादवी के अंतर्गत अभियुक्त 1रामकिशोर निगम पिता भैयालाल निगम उम्र 35 वर्ष (बर्तमान उम्र 62 वर्ष)। निवासी रामकोड़ी थाना मैहर जिला सतना म.प्र.हाल लिपिक तहसील कार्यालय मैहर जिला सतना। 2 दामोदर द्विवेदी पिता भगवान द्विवेदी उम्र 38 वर्ष ( बर्तमान उम्र 56 वर्ष) निवासी विवेकानंद कॉलेज के सामने मैहर जिला सतना , हाल सेवा से पृथक कर्मचारी श्री शरदा प्रबंधक समिति मैहर जिला सतना। को न्यायालय द्वारा आज दिनांक 15-10-2020 को दोषी पाते हुए आरोपी रामकिशोर निगम को 3 वर्ष का सश्रम कारावास एबं 14000 और आरोपी दामोदर द्विवेदी को 3 वर्ष का सश्रम कारावास एवं 10000 रुपये के अर्थदंड से दंडित किया गया।


घटना का संक्षिप्त विवरण- सहायक मीडिया प्रभारी आदित्य पांडेय ने बताया कि तहसील मैहर जिला सतना में माँ शरदा देवी का प्राचीन मंदिर है जिसके प्रबंध का कार्य मा शारदा प्रबंध समिति प्रबंधक द्वारा किया जाता है। जिसके जिलाधीश सतना पदनाम से अध्यक्ष एवं अनुविभागीय अधिकारी राजस्व मैहर पदनाम से मुख्य कार्यपालन अधिकारी होते हैं। समिति के रुपये पैसा का लेखा जोखा लेखपाल द्वारा किया जाता है जो कि अनुविभागीय अधिकारी राजस्व मैहर का शासकीय कर्मचारी होता है जिसे पडनियुक्ति पर रखा जाता है। समिति के शेष कर्मचारी दैनिक वेतनभोगी अशासकीय कर्मचारी होते हैं। जिनकी नियुक्ति समिति स्वयं करती है। समिति के मैहर के ग्रामीण बैंक में 2 खाते हैं जिसमे समिति के चढ़ोत्तरी और अन्य मदों से प्राप्त धनराशि कैशियर और लेखपाल द्वारा जमा किया जाता है।राज्य आपराधिक अन्वेषण व्यूरो मप्र के इकाई रीवा में दर्ज शिकायत क्रमांक 47/1999 के सत्यापन के दौरान शारदा प्रबंध समिति मैहर जिला सतना के वर्ष 1980 से 1999 तक कि समय अबधि के आय एवं व्यय के उपलब्ध अभिलेखों एवं दस्तावेज की जांच कराई गई जिसमें समिति के चढ़ोत्तरी व अन्य मदों में प्राप्त धनराषि का अलग अलग समय पर समिति के केशियर दामोदर द्विवेदी एवं लेखपाल रामकिशोर निगम और कार्यालय अधीक्षक सुरेंद्र पांडेय द्वारा 1181828 रुपये का गवन किया गया।न्यायालय द्वारा आरोपियों के विरुद्ध अपराध सावित होने पर आरोपियों को 3-3 वर्ष की सजा से दिनांक 15-10-2020 को दंडित किया गया।मामले में एक आरोपी सुरेंद्र पांडेय की विचारण दौरान मृत्यु हो चुकी है। मामले में अभियोजन का पक्ष ऐडीपीओ ब्रजेन्द्र पाल सारस्वत( आर्थिक अपराध शाखा ) द्वारा किया गया।


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