प्रतिभा संगीत कला संस्थान उज्जैन की प्रतिभा रघुवंशी द्वारा मालवी लोक नृत्य की विशिष्ट प्रस्तुति मालवी लोक नृत्य मटकी मध्यप्रदेश शासन संस्कृति विभाग द्वारा मध्यप्रदेश जनजातीय संग्रहालय में कला विविधताओं के प्रदर्शन गमक के अंतर्गत आज सुश्री प्रतिभा रघुवंशी एवं साथियों की मालवी लोक नृत्य मटकी की प्रस्तुति होने जा रही है सुश्री प्रतिभा रघुवंशी शास्त्रीय कथक नृत्य के साथ साथ लोकनृत्य की भी निष्णात नृत्यांगना हैं ।आज की प्रस्तुति में वे पारंपरिक रूप से गाई जाने वाली गणपति की आराधना करेंगी उसके बाद मालवा की एक पारंपरिक रचना पनिहारी नृत्य जिसमें महिलाएं सिर पर गगरी लेकर जल भरने जाती हैं और साथ-साथ नृत्य और गीत भी करती हैं इसके बाद त्योहारों से जुड़ा हुआ लोकगीत होली गीत कहते हैं प्रस्तुत करेंगी मालवा के सुप्रसिद्ध कथानक डग डग रोटी पग पग नीर की कथा कहता हुआ एक गीत प्यारो लागे रे म्हारो मालवा रे नृत्य के अंतर्गत मालवा की माटी की विशेषताओं का वर्णन किया जाएगा कैसी काली मिट्टी है कैसे हरे खेत है और यहां के लोग कितने अच्छे हैं कितने भोले हैं इस गीत का समाहार मालवा की विशिष्ट पारंपरिक मटकी नृत्य से होगा जिसमें नृत्यांगनाएँ एक विशिष्ट प्रकार का नृत्य प्रस्तुत करेंगी यह नृत्य अनेक अवसरों पर महिलाओं द्वारा किया जाता है विशेष रूप से विवाह समारोह आदि में जिसका उद्देश्य न सिर्फ मनोरंजन करना वरण अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन करना भी होता है इसमें महिलाएं मटक मटक कर नृत्य करती हैं और इसीलिए इसे मटकी नृत्य भी कहा जाता है सुश्री प्रतिभा रघुवंशी के दल में सुप्रसिद्ध गायिका अर्चना तिवारी माधव तिवारी अजय गंगोलीया विजय गंगोलिया और वीरेंद्र जानी पार्श्व संगीत हेतु साथ में है साथ ही अनन्या गौड़ आरोही अंतरा आठवले नव्या जोशी,कल्याणी पाटणकर मुस्कान खोयरे देवांशी अनन्या गौड श्रुति परमार मंच पर नृत्यांगना के रूप में सुश्री प्रतिभा रघुवंशी का साथ दे रही हैं
प्रतिभा रघुवंशी द्वारा मालवी लोक नृत्य की विशिष्ट प्रस्तुति