उज्जैन।
एनएसयूआई प्रदेश सचिव हिमांशु शर्मा ने बताया कि विक्रम विश्वविद्यालय उज्जैन मे धर्मेंद्र राजपूत की फर्जी नियुक्ति की जानकारी प्रदेश कार्यालय से प्राप्त हुई थी ,इसी विषय को लेकर माननीय कुलपति जी से चर्चा की गई एवम् ज्ञापन द्वारा आपत्ति ली गई ,
कुलपति महोदय से इस विषय को लेकर कई दिनों से लगातार फोन पर चर्चा हो रही थी,पर कुलपति के द्वारा ऐसा कुछ होने से साफ इंकार किया जा रहा था परन्तु कल सम्पूर्ण दस्तावेज के साथ हमने उनसे चर्चा की एवं उन्हें मामला संज्ञान में दिलवाया अोर बताया कि किस तरह गलत नियमो का हवाला देकर कैसे धर्मेंद्र की नियुक्ति की तैयारी की जा रही है,कुलपति ने विश्वास दिलवाया की मेरे रहते कुछ गलत नहीं होगा ना ही किसी नियमो की अनदेखी होगी,
एनएसयूआई की टीम ने कुलपति को बताया किधर्मेंद्र ने पूर्व में विश्वविद्यालय 2015_16 में ज्वाइन किया था एवम् उसके द्वारा एक साथ दो जगह विश्वविद्यालय एवम् पॉलीटेक्निक महाविद्यलय उज्जैन में नियमो की धज्जियां उड़ाते हुए शिक्षण कार्य किया जा रहा था,परन्तु एनएसयूआई की आपत्ति और एफ आई आर के डर से उसने यहां कम पैसे मिलने की वजह से विश्वविद्यालय छोड़ दिया था, और अभी भी वर्तमान में पॉलीटेक्निक महाविद्यालय उज्जैन में अतिथि विद्वान के रूप में कार्यरत है ,ओर विश्वविद्यालय में मानदेय बड़ जाने की वजह से पीछे के रास्ते से गलत ढंग से यहां आना चाहता है,,कुलपति से चर्चा करते समय हिमांशु शर्मा,प्रदेश सचिव एनएसयूआई , सैय्यद बिलाल,सुमित भाटी,तरुण गिरी,प्रीतेश शर्मा,अम्बर माथुर,आदि मौजूद थे