उज्जैन ।कोरोना मरीजों की संख्या में लगातार वृद्धि होने से शहर के अस्पतालों में बेड खाली नहीं है ,जिन अस्पतालों में बेड खाली है वहां मरीजों को भर्ती करने के लिए हाई अप्रोच लगानी पड़ रही है। इधर जिला प्रशासन का प्राइवेट अस्पतालों पर कोई अंकुश ना होने और निर्धारित गाइडलाइन नहीं होने के कारण मरीजों को जमकर लूटा जा रहा है। उदयन मार्ग स्थित एक अस्पताल में जहां साधारण बीमारी का इलाज करवाने में भी मरीज जाना नहीं चाहता वहां कोरोना के नाम पर मरीजों को जमकर लूटा जा रहा है । एक मरीज में अपनी आपबीती सुनाते हुए बताया कि उसके परिवार के दो सदस्यों को कोरोना की शंका में अस्पताल में भर्ती किया गया, लेकिन बाद में रिपोर्ट नेगेटिव आ गई बावजूद उसका 7 दिन इलाज किया गया और लगभग ₹300000 का बिल थमाया गया।
इधर आरडी गार्डी मेडिकल कॉलेज में 75 बेड में से 54 बेड पर मरीज भर्ती है इनमें से 48 मरीज आईसीयू में भर्ती है, अर्थात 54 में से सिर्फ 6 मरीज सामान्य तौर पर भर्ती है जो इस बात का प्रमाण है कि उज्जैन में कोरोना का नया रूप बेहद खतरनाक है। उज्जैन में कोरोना से होने वाली मौतों का आंकड़ा भी डराने वाला है। अभी तक मार्च में 6 मौत हो चुकी है यह आंकड़ा सरकारी है,, गैर सरकारी आंकड़ा चौका देने वाला हैं,,, लगातार दो-तीन दिन बीमार रहने के बाद मरने वालों की संख्या बढ़ रही है।
इधर परिवार में एक से अधिक सदस्य पॉजिटिव हो रहे हैं,, 27 मार्च को नीरा हवेली में रहने वाले प्रोफ़ेसर दंपत्ति पॉजिटिव आए ,इसके अलावा विवेकानंद कॉलोनी में रहने वाले एक ही परिवार के 2 सदस्य और इसी कॉलोनी में रहने वाले पति पत्नी भी पॉजिटिव आए, केशरबाग में रहने वाले पति पत्नी भी पॉजिटिव आने के बाद सहर्ष अस्पताल में भर्ती है।
विष्णुपुरा में रहने वाले पति पत्नी भी पॉजिटिव आने के बाद संजीवनी अस्पताल में भर्ती है। इधर 5 दिन का आंकड़ा चौका देने वाला है 25 मार्च को 83,,, 26 मार्च को 85 ,,,,27 मार्च को 69 ,,,,, 28 मार्च को 72 और 29 मार्च को32 मरीज सामने आने के बाद 5 दिन में 341 पॉजिटिव मरीज का आंकड़ा चौका देने वाला है।
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