उज्जैन। शहर में कोरोना को लेकर हाहाकार मचा हुआ है और लगातार कोरोना से मरने वालों की सूचनाएं भी प्राप्त हो रही है यह अलग बात है कि जिला प्रशासन के कोरोना बुलेटिन में मौतों को दर्ज करने का अपना अलग नियम है , कुछ मौतों को न जाने क्यों छुपाया जाता है तो कुछ मौतों को मीडिया में बवाल मचने के बाद जोड़ा जाता है मौत के आंकड़े कितने विश्वसनीय हैं इसका पता मध्य प्रदेश के कोरोना बुलिटिन और मुख्य चिकित्सा अधिकारी द्वारा जारी उज्जैन के कोरोना बुलेटिन से हो जाता है। मध्य प्रदेश के बुलेटिन में उज्जैन में 110 मौत होने का जिक्र है जबकि उज्जैन के बुलेटिन में यह आंकड़ा 109 का है।
नानाखेड़ा क्षेत्र के संजय नगर में कल रात एक युवा फैक्ट्री कर्मचारी की सर्दी खांसी के इलाज के दौरान मौत हो गई ,बताया जाता है कि यह युवा कर्मी शहर के एक प्रतिष्ठित उद्योगपति के यहां फैक्ट्री में काम करता था , 8 दिन पहले सर्दी खांसी होने पर क्षेत्र के ही एक चिकित्सक से इलाज शुरू करवाया ,उक्त नोसीखिए चिकित्सक ने इलाज के नाम पर उक्त कर्मचारी के रोग को और बढ़ा दिया, घबराए परिजन उसे पुष्पा मिशन अस्पताल लाए, सूत्रों के मुताबिक वहां मौजूद डॉक्टर घनश्याम शर्मा ने तत्काल एक्स-रे करवाने और आरडी गार्डी मेडिकल कॉलेज में भर्ती होने की सलाह दी लेकिन एक्स-रे करवाने गए युवक की रास्ते में ही मौत हो गई उक्त युवक क्षेत्र के एक कंट्रोल पर भी कार्य करता था युवक की मौत कोरोना से हुई या नहीं इसकी पुष्टि नहीं की जा सकती हैं क्योंकि क्षेत्र के चिकित्सक कोरोना लक्षण होने के बावजूद उसका इलाज करते रहें और जांच होने के पहले ही उसकी मौत हो गई।
मौत के बाद जिस तरह उसके घर पर मातम मनाने वालों की भीड़ एकत्र हुई उससे साफ जाहिर है कि एक-दो दिन में संजय नगर और उसके आसपास के क्षेत्र में कोरोना पॉजिटिव आने वालों की संख्या में वृद्धि हो सकती है, कोरोना के लक्षण वाले मरीजों का इलाज करने वाले ऐसे डॉक्टरों का भी इलाज होना चाहिए जो कोरोना की जांच नहीं करवा कर मरीजों के जीवन से खिलवाड़ कर रहे हैं और साथ ही शहर में कोरोना ब्लास्ट में अपनी भागीदारी कर रहे हैं।