कलेक्टर की तानाशाही के खिलाफ जनसंपर्क विभाग के अधिकारी एकजुट हुए,,, काम बंद कर कलेक्टर को निलंबित करने की मांग ने जोर पकड़ा

 



उज्जैन। मध्यप्रदेश में कोरो



ना काल में अपनी जान की परवाह किए बगैर फील्ड में जाकर रिपोर्टिंग करने वाले जनसंपर्क अधिकारियों को प्रोत्साहन देने की जगह असंवेदनशील होकर उनके खिलाफ मनमर्जी के आदेश जारी करने के खंडवा कलेक्टर का आदेश जी का जंजाल बन गया है। जनसंपर्क अधिकारी संघ ने आज आयुक्त जनसंपर्क  को एक ज्ञापन सौंपकर खंडवा के कलेक्टर अन्या द्विवेदी के खिलाफ निलंबन की कार्रवाई की मांग की है ,उन्होंने कलेक्टर दिवेदी का साथ देने वाले आयुक्त पवन शर्मा के खिलाफ भी उचित कार्यवाही की मांग की है, बताया जाता है कि जनसंपर्क विभाग में पदस्थ खंडवा के पी आर ओ बृजेंद्र शर्मा को जिलाधीश अन्या दिवेदी ने नियमों के विपरीत जाकर कार्रवाई करते हुए उन्हें खंडवा से भोपाल पदस्थ कर दिया,  बाद में कलेक्टर के अवैधानिक आदेश को वैधानिक जामा पहनाने के लिए संभाग आयुक्त पवन शर्मा ने बृजेंद्र शर्मा को निलंबित कर दिया।

 खंडवा के पी आर ओ सहित मध्य प्रदेश के सभी जिलों में पदस्थ जनसंपर्क विभाग के अधिकारी शासन की योजनाओं का और कोविड-19 में शासन प्रशासन द्वारा किए जा रहे हैं कार्यों का प्रचार प्रसार जान पर खेलकर कर रहे हैं ,अनेक अधिकारी 18 से 20 घंटे काम कर रहे हैं ,ऐसी स्थिति में खंडवा कलेक्टर द्वारा जनसंपर्क विभाग के अधिकारी को अधिकार क्षेत्र से बाहर जाकर निलंबित करने से आहत विभाग के अधिकारियों ने काम करना बंद कर दिया है जिससे शासन का प्रचार तंत्र बुरी तरह प्रभावित हो सकता है ,उज्जैन के जनसंपर्क विभाग ने भी आज न तो कोई समाचार जारी किया और नहीं किसी भी कवरेज में अपनी उपस्थिति दर्ज करवाई, उनकी मांग है कि खंडवा कलेक्टर द्वारा की गई कार्रवाई वापस ली जाए और कलेक्टर को ही निलंबित किया जाए ।बरहाल मामले ने तूल पकड़ लिया है जिससे कोरोना काल में शासन प्रशासन द्वारा किए जा रहे कार्यों की जानकारी आम नागरिक तक पहुंचने में दिक्कत हो सकती है।