देवदूत बनकर डॉक्टरों ने नई जिंदगी दी,,,, आरडी गार्डी मेडिकल कॉलेज की सेवा की तारीफ करते नहीं थकती रेखा श्रीवास्तव

 उज्जैन  विद्यापति नगर उज्जैन निवासी 63 वर्षीय रेखा श्रीवास्तव को 29 अप्रैल को कोरोना पॉजीटिव होने पर सांस लेने में तकलीफ होने के कारण आरडी गार्डी मेडिकल अस्पताल में भर्ती किया गया था।  अस्पताल में डॉक्टरों की देखरेख, समय पर दवाई और अच्छे खानपान और स्टाफ के अच्छे व्यवहार के चलते वे 6 मई को स्वस्थ होकर अपने घर पहुंची। अस्पताल की व्यवस्थाओं एवं चिकित्सकों की प्रशंसा करते हुए कहा कि उन्हें जब भी आवश्यकता हुई वे सदैव सहयोगात्मक रवैया रखते हुए मददगार साबित हुए।  उन्होंने बताया कि उन्हें भोजन, दवाएं एवं चिकित्सा सेवाएं समय पर मिली, इसी कारण वे स्वस्थ होकर घर पहुंची हैं,सेवाओं की तारीफ करते हुए वह कहती है की आरडी गार्डी मेडिकल कॉलेज के डॉक्टर और वहां का पूरा स्टाफ एवं उनके साथ साथ चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों के भी पूरे स्टाफ की ही सेवा का असर है ,कि आज में कोरोना से जंग जीत कर नई जिंदगी की तरफ कदम बढ़ा रही हूं, यदि मुझे अस्पताल में घर जैसा वातावरण और चिकित्सकों का सहारा ना मिलता तो शायद आज मैं जिंदगी और मौत के बीच संघर्ष कर रही होती। न जाने क्यों ऐसा लगता है कि यदि आरडी गार्डी मेडिकल कॉलेज में इलाज के लिए भर्ती नहीं होती तो वापस घर लौटती भी या नहीं,,,,, यह कहना है कोरोना से जंग जीत कर घर वापस लौटने वाली रेखा श्रीवास्तव का,,,,,, दरअसल रेखा श्रीवास्तव को बेहद क्रिटिकल स्थिति में कोरोना होने के बाद आरडी गार्डी मेडिकल कॉलेज में 29 अप्रैल को भर्ती किया गया था,,, रेखा जी का कहना है की आरडी गार्डी कॉलेज को लेकर मैं बहुत डरी हुई थी, लग रहा था कि न जाने अब मेरा क्या होगा ,लेकिन अस्पताल पहुंचने के बाद जिस तरह का माहौल वहां देखा और डॉक्टरों को मरीजों के साथ  बर्ताव देखा तो दवाइयों के साथ-साथ सकारात्मक ऊर्जा मिलने से जल्दी ठीक हो गई। पहले ही दिन लगा कि कोरोना की जंग अब जीत जाऊंगी, रेखा जी ने मालव क्रांति को बताएगी अस्पताल का पूरा स्टाफ और डॉक्टर सुधाकर वैध ने मुझे बहुत सपोर्ट किया, पहले ही दिन से ऑक्सीजन बेड पर होने के बावजूद हर वक्त मेरा ख्याल रखा ,दिन हो या रात पूरे समय मेडिकल सुविधाएं प्राप्त होती रही ,चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों ने भी निस्वार्थ सेवा के साथ-साथ हौसला बढ़ाया, इसी का परिणाम रहा कि 6 मई को स्वस्थ होकर घर पहुंच गई ।नई जिंदगी देने वाले डॉक्टर सुधाकर  वैध और अस्पताल के पूरे स्टाफ को धन्यवाद देते हुए रेखा जी ने कहा कि ,,,आरडी गार्डी मेडिकल कॉलेज के डॉक्टर देवदूत बनकर मेरे जीवन में आए और आज उनकी कृपा से स्वस्थ होकर घर वापस पहुंची , मेरा बेटा और दामाद हर वक्त कॉलेज के डॉक्टरों के लिए अब दुआएं करते हैं।


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