सभापति की होड़ , दावेदारों में दौड़...

 

( देवास दैनिक मालव क्रांति)



देवास। शहर में बीते दिनों हुए नगर निगम महापौर और 45 वार्डो के पार्षद चुनाव में भाजपा को भरपूर जनसमर्थन मिला महापौर उम्मीदवार के साथ 32 वार्डो में भाजपा के पार्षद विजय हुए।

यह अलग बात है की जनपदों और जिला पंचायत में भाजपा का सूपड़ा साफ करते हुए कांग्रेस ने बाज़ी मारी है।


नगर पालिक निगम देवास के नवनिर्वाचित महापौर एवं नवनिर्वाचित पार्षदगणों का शपथ विधि समारोह आज आईटीआई ग्राउंड पर आयोजित किया जाएगा। जिसके बाद नगर पालिक निगम की परिषद का प्रथम सम्मेलन 3 अगस्त को नगर निगम में ही आयोजित किया जाएगा। जिसके पूर्व सभापति बनाए जाने की संभावना है।


ऐसा लगता है की देवास नगर निगम के सभापति बनने या बनाए जाने का सफर भी काफी रोमांच भरा होगा।

कुल 45 पार्षदों में से भाजपा के पास 32, कांग्रेस के पास 8 वही 5 निर्दलीय पार्षद है। संख्या बल के हिसाब से अगर भाजपा के निर्वाचित पार्षद भाजपा के सभापति उम्मीदवार को ही वोटिंग करे तो भाजपा का सभापति बनना तय है। लेकिन प्रश्न चिन्ह यहां लगता है की आखिर कौन होगा भाजपा की ओर से नगर पालिक निगम देवास का सभापति उम्मीदवार? 


वर्तमान में भाजपा की ओर से सभापति के उम्मीदवार के रूप में 5 नाम की चर्चाएं जोरों - शोरो से चल रही है। नामो में वार्ड 26 से पार्षद रवि जैन, वार्ड 12 से पार्षद राजेश यादव, वार्ड 25 से पार्षद मनीष सेन, वार्ड 40 से पार्षद धर्मेंद्र सिह बैस, वार्ड 16 से पार्षद गणेश पटेल के नाम सामने आ रहे है।

लेकिन सबसे प्रबल नामो में वार्ड 26 से निर्वाचित पार्षद रवि जैन का नाम सामने आ रहा है।


पूर्व में 5 बार की निगम परिषद में 2 बार कांग्रेस वर्ष 1995 से 2000 तक रतनलाल चौधरी, वर्ष 2000 से 2004 तक इस्माइल सदर तो इसी कार्यकाल में 1 वर्ष के लिए श्रीराम कुमावत सभापति रहे। जिसके बाद 2 बार भाजपा वही 1 बार भाजपा समर्थित निर्दलीय सभापति बने जिनमे 2005 से 2010 तक भाजपा से सुभाष शर्मा, 2010 से 2015 तक फिर सुभाष शर्मा वही 2015 से 2020 तक भाजपा समर्थित निर्दलीय अंसार अहमद सभापति बन चुके है।



रवि जैन : रवि जैन लंबे समय से पैलेस से जुड़े हुए है वह पैलेस के खास लोगो मे से एक होने के साथ ही विधायक प्रतिनिधि है। जैन ने पहली बार पार्षद चुनाव वार्ड क्रमांक 26 से लड़े और विजय हुए है। ऐसा कहा जा रहा था की जैन की पत्नी पूजा जैन का नाम महापौर पद के लिए लगभग तय हो ही गया था लेकिन आखरी समय पर आ कर नाम मे फेर बदल हुआ। ऐसी चर्चा बनी की महापौर पद का टिकट नही मिलने के कारण उन्हें पार्षद का टिकट दिया गया और विजय होने पर अब सभापति पद के प्रबल दावेदार माने जा रहे है।


राजेश यादव : लंबे समय से संघ के कार्यकर्ता रहे वर्तमान में भाजपा के जिला महामंत्री राजेश यादव भी इस बार वार्ड क्रमांक 12 से पार्षद पद का चुनाव लड़े और विजय हुए। राजेश यादव भाजपा प्रदेशाध्यक्ष वी डी शर्मा के खास है। सभापति के लिए प्रदेशाध्यक्ष के आदेश का भी अहम किरदार रहेगा। इसलिए राजेश यादव भी सभापति पद के दावेदार माने जा रहे है।


मनीष सेन : मनीष सेन सभी दावेदारों में से नगर निगम के कार्यकाल में सबसे अनुभवी नेता है सेन वार्ड 25 से चुनाव लडे और लगातार चौथी बार पार्षद बने है इसी के साथ वह नेता प्रतिपक्ष भी रहे है। सेन को निगम की कार्यप्रणाली का भीतर तक का अनुभव है। इसलिए सेन का नाम भी दावेदारों की सूची में है।


धर्मेंद्र सिंह बैस : एक समाजसेवी के रूप में पहचाने जाने वाले धर्मेंद्र सिंह बैस भी 

वार्ड क्रमांक 40 से पार्षद का चुनाव लड़कर विजय हुए। बैस पार्टी में कई पदों पर रहे है इनके राजनीतिक अनुभव व पैलेस के करीबी होने के कारण इन्हें भी सभापति पद का दावेदार माना जा रहा है।


गणेश पटेल : पैलेस के करीबी माने जाने वाले गणेश पटेल वार्ड क्रमांक 16 से चुनाव लड़े और विजय हुए। पटेल द्वारा स्व. महाराज तुकोजीराव पवार को लीवर ट्रांसप्लांट किया था। पटेल सत्ता और संगठन दोनो में सक्रिय रहे है। गलियारों में पटेल का नाम भी सभापति की दौड़ लगाता दिखाई दे रहा है।

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