उज्जैन की अंतरराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त कथक एवं लोक नृत्यांगना इंजी. प्रतिभा रघुवंशी एलची एवं प्रतिभा संगीत कला संस्थान उज्जैन के 20 सदस्यीय दल द्वारा परासिया ,छिंदवाड़ा में दशहरे के पावन अवसर पर कार्यक्रम *लोकपर्व*में कथक नृत्य आधारित एक घंटे की अवधि की नृत्य नाटिका श्री राम कथा अनुगान का मंचन किया गया। यह विशिष्ट कार्यक्रम संस्कृति संचालनालय ,मध्यप्रदेश शासन संस्कृति विभाग द्वारा आयोजित किया गया । सुश्री प्रतिभा के साथ सुश्री फाल्गुनी नंदवाल,इशानी भट्ट,सानिका साठे, जेनित श्रीवास्तव, वैदेही पंड्या,रूपल जैन , चारुल जोशी ,गोजीरी भातखंडे, पाशवी आचार्य ,गार्गी आचार्य ,प्रतिष्ठा पाराशर, आशना सुन्हेरीया, अक्षया परिहार ,दृष्टि तिलक ,तानिष्का पंथी ,चेतना पंड्या ,अनर्घ्या गौड़ ने प्रस्तुति दी।सम्पूर्ण नृत्यनाटिका में वेशभूषा एवं मेकअप शहर के वरिष्ठ कलाकार श्री कुंजबिहारी पंड्या जी ने की ।
*प्रतिभा सम्मान*
परासिया छिंदवाड़ा के माननीय विधायक श्री सोहनलाल बाल्मीकि जी एवं उनके साथियों के द्वारा इंजी. प्रतिभा रघुवंशी एवं सम्पूर्ण समूह का स्वागत और सम्मान किया गया। तथा भविष्य में आयोजित होने वाले विविध कार्यक्रमों में प्रस्तुति हेतु आमंत्रित किया गया ।
*भारत की पहली महिला पात्र जिसने लंकापति रावण का अभिनय किया हो* ।
श्री राम कथा अनुगान नृत्य नाटिका में श्री राम के सम्पूर्ण चरित्र का वर्णन है जिसमें श्री राम जन्म ,बाल राम लीला ,सीता स्वयंवर ,पंचवटी प्रसंग ,सीता हरण ,राम रावण युद्ध आदि का सुंदर वर्णन नृत्य और अभिनय के माध्यम से किया गया है। देश विदेश में कई स्थानों पर रामलीलाएँ होती आयी हैं परंतु आज तक कहीं भी लंकापति रावण का किरदार किसी महिला कलाकार द्वारा नहीं किया गया है ,अपनी कुशल कल्पनाशीलता ,और अभिनय प्रतिभा से इंजी. प्रतिभा रघुवंशी एलची ने पहली बार लंकापति रावण का किरदार निभाया जिसमें नृत्य नाटिका में रावण द्वारा रचित शिव ताण्डव स्त्रोत्र पर एकल नृत्य प्रस्तुति दी ,जिसे दर्शकों ने बहुत ही सराहा और इतने गंभीर किरदार को इतनी कुशलता से प्रस्तुत करने और चरितार्थ करने के लिए दर्शकों द्वारा अत्यधिक प्रशंसा की गई ।
*इंजी. प्रतिभा रघुवंशी एलची एवं सुश्री फाल्गुनी नंदवाल द्वारा रावण दहन*
संस्कृति विभाग प्रदेश शासन द्वारा आयोजित इस लोक पर्व में सांस्कृतिक कार्यक्रमों के पश्चात परासिया के भव्य दशहरा मैदान में जहाँ लगभग पाँच हज़ार से भी अधिक लोग दर्शक के रूप में उपस्थिति थे, इंजी प्रतिभा रघुवंशी एलची ने भगवान श्री राम ,और सुश्री फाल्गुनी नंदवाल ने लक्ष्मण जी के रूप में 51 (इक्यावन) फ़ीट के बने रावण का दहन किया। इस दौरान भारी वर्षा के होने के बावजूद भव्य आतिशबाजी की गई ,और राम और लक्ष्मण के रूप में महिला कलाकारों के हाथों रावण दहन करवा कर नारी सशक्तिकरण और नारी समानता एवं सम्मान का परिचय दिया गया जो कि समाज में एक नवाचार है । जय श्री राम के साथ ,जय भवानी के नारों ने दशहरा उत्सव को एक अभोतपूर्व नया आयाम दिया ,जो परासिया के इतिहास में हमेशा के लिए उल्लेखित रहेगा ।