विद्या प्रेम और सम्मान, जितना देंगे उससे अधिक मिलेगा
-डॉ मोहन गुप्त
"संस्कृति के राजपुरुष डॉ मोहन गुप्त" अभिनंदन ग्रंथ लोकार्पित
प्रथम श्रीमती वैजयंती गुप्ता सम्मान श्री अमिताभ सुधांशु विश्वास को दिया गया
उज्जैन 29 सितंबर। विद्या प्रेम और सम्मान हम जितना दूसरों को देते हैं, उससे कहीं अधिक हमें प्राप्त होता है। वस्तुतः सम्मान व्यक्ति का नहीं, उसमें निहित परमात्मा के अंश का होता है। वरिष्ठ जनों को प्रतिवर्ष सम्मानित करके हम वस्तुतः स्वयं सम्मानित होते हैं।
पूर्व संभाग आयुक्त एवं महर्षि पाणिनि संस्कृत विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति डॉ मोहन गुप्त ने ये विचार अपने अमृत महोत्सव, "संस्कृति के राजपुरुष" अभिनंदन ग्रंथ के लोकार्पण एवं श्रीमती वैजयंती गुप्ता वरिष्ठ जन सम्मान समारोह में व्यक्त किए।
कार्यक्रम में विक्रम विश्वविद्यालय के कुलपति एवं अभिनंदन ग्रंथ के प्रधान संपादक डॉ बालकृष्ण शर्मा ने कहा कि मनुष्य के 2 वंश होते हैं। एक जन्म वंश और दूसरा विद्या वंश। डॉ मोहन गुप्त सौभाग्यशाली हैं कि उनके दोनों ही वंश के लगभग 80 व्यक्तियों ने मिलकर "संस्कृति के राजपुरुष" अभिनंदन ग्रंथ को अत्यंत पठनीय और संग्रहणीय बनाया है। डॉ मोहन गुप्त जैसे व्यक्ति प्राचीन युग में भी विरल थे और आज भी विरल है, जिनके मन कर्म और वचन तीनों ही पवित्र है। ऐसा ही होता है अमृतमय व्यक्तित्व।
कार्यक्रम में पूर्व मंत्री एवं विधायक श्री पारस जैन, अभिनंदन ग्रंथ के मुख्य संपादक डॉ शिव चौरसिया, संस्कृत संपादक डॉ केदारनाथ शुक्ला, विषय विमर्श संपादक डॉ बीके कुमावत, समन्वय संपादक डॉ संतोष पंड्या, श्री के एन जोशी, डॉक्टर देवेंद्र जोशी, डॉक्टर शैलेंद्र पाराशर, पिलकेन्द्र अरोरा आदि उपस्थित थे।
प्रथम वैजयंती गुप्ता पुरस्कार श्री अमिताभ सुधांशु विश्वास को
कार्यक्रम में वरिष्ठजन की सेवा के क्षेत्र में प्रथम श्रीमती वैजयंती गुप्ता वरिष्ठजन पुरस्कार इस वर्ष के लिए जीवन उद्घोष संस्था द्वारा श्री अमिताभ सुधांशु विश्वाास को प्रदान किया गया। पुरस्कार में सम्मान निधि तथा सम्मान पत्र भेंट किए गए। श्री विश्वास रामरोटी योजना के तहत बेसहारा वृद्धजनों के लिए दोनों समय का भोजन एवं सभी प्रकार की जीवन उपयोगी वस्तुएं उपलब्ध कराते हैं। यद्यपि वे दोनों कानों से नहीं सुनते परंतु वंचित वर्ग और वृद्धजनों की सेवा में निरत रहते हैं।
वरिष्ठजनों एवं ग्रंथ के संपादक मंडल का किया गया सम्मान
कार्यक्रम में वरिष्ठजन श्री गुरुदयाल सिंह परदेशी, श्री प्रेम नारायण नागर, श्री शुभकरण शर्मा, डॉक्टर विमल गर्ग, श्री देवकृष्ण कटारे का तथा संस्कृति के राजपुरुष अभिनंदन ग्रंथ के संपादक मंडल का सम्मान जीवन उद्घोष संस्था के अध्यक्ष श्री प्रकाश वी कृष्णप्रिय, सचिव श्री पंकज एम कृष्णप्रिय, श्री हरिशरण गुप्ता, श्रीमती संगीता गुप्ता, श्री उपेंद्र गुप्ता, श्रीमती गीता गुप्ता, श्री अंशुमान गुप्ता आदि द्वारा किया गया। जीवन उद्घोष संस्था प्रतिवर्ष डॉ मोहन गुप्त के जन्मदिवस 28 सितंबर को वरिष्ठजन सम्मान एवं संवाद दिवस के रूप में मनाती है तथा इस अवसर पर वरिष्ठ जनों का सम्मान किया जाता है। यह सिलसिला गत 5 वर्षों से जारी है।