उज्जैन सोसाइटी फार प्रेस क्लब के चुनाव में भारी पुलिस बल की मौजूदगी इस ओर इशारा कर रही है की चुनाव में गुटबाजी के चलते विवाद हो सकता है। मध्यप्रदेश हाईकोर्ट ने एक पक्ष के विरुद्ध आदेश जारी कर सोसायटी फार प्रेस क्लब द्वारा अवैध रूप से पत्रकारोंको विधि विरुद्ध मतदान और चुनाव लड़ने की प्रक्रिया सेबाहर करने को लेकर स्पष्ट मत दिया है कि इन पत्रकारों को न सिर्फ मतदान का अधिकार है बल्कि चुनाव लड़ सकते हैं शहर के वरिष्ठ पत्रकार और सोसायटी फार प्रेस क्लब के पूर्व अध्यक्ष शैलेंद्र कुलमी की याचिका पर हाईकोर्ट के निर्देश के बाद चुनाव स्थगित किए जाने थे लेकिन इंदौर से आयातित चुनाव अधिकारी पत्रकारों की एक पैनल के पक्ष में हो कर मनमानी करने पर उतारू हैं। आज जिन पत्रकारों को हाईकोर्ट ने चुनाव लड़ने का अधिकार दिया सभी सोसाइटी प्रेस क्लब के कार्यालय पहुंचकर चुनाव अधिकारी को हाईकोर्ट के इस आदेश की प्रति देना चाहते थे और चुनाव लड़ने की प्रक्रिया में शामिल होने का पत्र देना चाहते थे लेकिन मौके पर मौजूद भारी पुलिस बल ने चुनाव अधिकारी के निर्देश पर पत्रकारों कोचुनाव में भाग लेने से न सिर्फ रोका बल्कि चुनाव अधिकारी से बातचीत भी नहीं करने दी पत्रकार शैलेंद्र कुलमी ने इसके बाद चुनाव अधिकारी को हाईकोर्ट के आदेश की प्रति प्रेषित कर चुनाव प्रक्रिया रोकने की मांग रखीउल्लेखनीय है कि शहर के प्रतिष्ठित पत्रकारों को चुनाव प्रक्रिया से दूर कर चुनाव में भारी मनमानी की कोशिश की जा रही है।
हाईकोर्ट का आदेश चुनाव अधिकारी को देने से पुलिस ने रोका