पत्रकार आम जनता की आवाज बने ,कलम से ज्यादा कुछ भी ताकतवर नहीं,

सिटी प्रेस क्लब  ने बनाया राष्ट्रीय प्रेस दिवस                  उज्जैन--स्वतंत्र और जिम्मेदार पत्रकारिता के प्रतीक के रूप में प्रतिवर्ष  मनाए जाने वाले राष्ट्रीय प्रेस दिवस के अवसर पर सिटी प्रेस क्लब द्वारा शिप्रा होटल, माधव क्लब रोड पर आयोजित  16 नवंबर (शनिवार) को आयोजित  "संवाद"कार्यक्रम में डॉ. प्रकाश रघुवंशी जी,सिटी प्रेस क्लब के संयोजक शैलेन्द्र कुल्मी जी,संदीप मेहता जी ,रमेश दास जी मंचासीन थे । कार्यक्रम का संचालन डॉ देवेन्द्र जोशी जी ने किया।इस अवसर पर नगर के वरिष्ठ और युवा पत्रकारो ने अपने अनुभव साझा किये।
परिसंवाद में कहा कि पत्रकार आम जनता की आवाज बने ।पत्रकार बनाया नहीं जाता बल्कि वह पैदा होता है। देश में क्रांतिकारियों  से लेकर प्रधानमंत्री तक ने  पत्रकारिता की है और अपने मिशन में सफल रहे हैं ।पत्रकारों का अपना वजूद और अपनी ताकत है ।
राष्ट्रीय प्रेस दिवस पर   सिटी प्रेस क्लब द्वारा आयोजित परिसंवाद कार्यक्रम में पत्रकारों ने अपनी बात रखी और पत्रकारिता के आसमान को छूने का संकल्प लिया ।वरिष्ठ पत्रकार शैलेंद्र कुलमी ने कहा कि 2 कॉलम का समाचार प्रशासन को आंख खोलने पर मजबूर कर देता है आवश्यकता इस बात की है कि यह समाचार लिखने वाली कलम ताकतवर हो। आज पूरी दुनिया में मीडिया का राज है। मीडिया अपनी ताकत को पहचाने और देश को दिशा दे ।
निरुक्त भार्गव ने कहा, पत्रकारिता में सीखने का पूर्णविराम नहीं होता, मैं स्वयं आज भी छात्र ही हूं और सीख रहा हूं ।पत्रकारिता का नया दौर आ गया है स्वयं को बेहतर तरीके से प्रस्तुत करना और मापदंडों को पत्रकारिता करने वालों की कद्र होती है।
 डॉ. सचिन गोयल ने कहा ,कि आज चुने हुए जनप्रतिनिधियों की अपेक्षा आम नागरिक अपनी समस्या को लेकर पत्रकार के पास आता है ।पत्रकार ही आशा की किरण हैं। प्रजातंत्र में पत्रकार से ज्यादा विश्वास किसी पर भी नहीं किया जा सकता ।
कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए प्रकाश रघुवंशी ने बताया उज्जैन में इलेक्ट्रॉनिक पत्रकारिता की शुरुआत में किस तरह परेशानियां आई ।उन्होंने कहा न्यूज़ से बचना बेहद जरूरी है।
 पत्रकार नरेंद्र सिंह अकेला ने कहा कि चुनौती पत्रकार के अंदर है ।पत्रकारिता आसान नहीं है ।जब भी अवसर मिले पत्रकारिता को निखारें ।
संदीप मेहता ने कहा कि पत्रकारिता में सकारात्मक दबाव होना चाहिए ।विचारों में क्रांति लाना होगी ।
महेंद्र सिंह बैस ने कहा कि प्रजातंत्र का मखौल उड़ाने वाला पत्रकार नहीं होता ।
संजय शुक्ल ने कहा कि पत्रकारों को मालिकों के दबाव में काम करना पड़ता है ।मीडिया गुलाम हो चुका है फिर भी पत्रकार सबसे बड़ी ताकत के रूप में है। रमेश दास ने कहा कि संचार क्रांति के युग में अखबार निकालना बहुत बड़ी चुनौती है। मनोहर कुमावत ने कहा कि पत्रकारिता किताब पढ़कर नहीं सीखी जा सकती यह अनुभव से आती है ।अनेक वरिष्ठ पत्रकारों ने अपनी बात रखते हुए पत्रकारिता में विश्वसनीयता कायम रखने का आह्वान किया।
 कार्यक्रम का संचालन करते हुए डॉ देवेंद्र जोशी ने कहा कि पत्रकारिता देश का चौथा स्तंभ होने के साथ-साथ सबसे मजबूत समय है,  पत्रकार समाज का आईना है ।कार्यक्रम में पत्रकार राजेश कुलमी ने आभार माना और कहा कि सिटी प्रेस क्लब शहर का सबसे शक्तिशाली और विश्वसनीय  संगठन बन कर उभरेगा।


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