उज्जैन ।समाचार पत्र के जरिए पता चला कि भारतीय जनता पार्टी के उज्जैन उत्तर के विधायक पारस जैन द्वारा शुक्रवार को कान डायवर्सन पर पहुंचते हुए राघव पिपलिया स्टॉप डेम मैं बाहर आए कान्हा के गंदा पानी के सुघटे हुए शिप्रा नदी में मिलने की बात को लेकर गंभीर चिंता व्यक्त की थी और सरकार पर काम नहीं करने का आरोप लगाया था मैं बताना चाहता हूं कि पिछले 15 वर्षों से प्रदेश में भाजपा की सरकार थी जब से ही कान नदी का पानी शिप्रा में मिल रहा है इसी कान डायवर्सन के लिए पिछली भाजपा सरकार द्वारा करोड़ों रुपए का बजट पास किया गया था जो विकास में नहीं लगाते हुए उसे भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ा दिया गौरतलब है कि पारस जैन उक्त सरकार में जनप्रतिनिधि होते हुए कैबिनेट मंत्री थे इस समय इन्होंने शिप्रा में मिल रहा है कान नदी गंदा पानी को लेकर इतनी चिंता करते क्यों नहीं की सिंहस्थ में भाजपा सरकार ने करोड़ों रुपए का घोटाला किया जो जगजाहिर है शिप्रा नदी के नाम पर कई बार करोड़ों रुपए प्रस्तावित कराए परंतु कभी शिप्रा नदी को स्वच्छ नहीं कर पाए जब जनता ने भाजपा सरकार को नकारते हुए कमलनाथ सरकार को चुना तो यह अपनी राजनीति की रोटियां सेकने में लग गए अनर्गल बयानबाजी कर सुर्खियां बटोरने की कोशिश में लगे हैं मैं विधायक पारस जैन को याद दिलाना चाहता हूं कि यह पिछले 15 वर्षों से मंत्री रहे कभी उज्जैन के विकास के लिए चिंतित नजर नहीं आए इसके पूर्व कभी इन्होंने सुध नहीं ली इसके अलावा नर्मदा को शिप्रा में लाने के नाम पर भी करोड़ों रुपए का घोटाला हुआ है परंतु नर्मदा का पानी अभी तक उज्जैन नहीं पहुंच पाया और कभी श्रद्धालुओं के स्नान को लेेकर चिंता जाहिर नहीं की और अब यह दिखावे का काम कर रहे हैं