उज्जैन। मध्यप्रदेश सरकार ने अपने वचन पत्र में मठ मंदिर के लिए जो नीति निर्धारित की है उसके तहत वंश परंपरा एवं गुरू शिष्य परंपरा के नियम एवं कानून का भी ध्यान रखते हुए निर्णय लिया है, इससे देश एवं प्रदेश में सनातन संस्कृति सुरक्षित रहते हुए मठ मंदिर की पवित्रता पूजा पध्दति नियमानुसार होगी, जो देश की परंपरा है।
प्रदेश सरकार ने जो निर्णय करते हुए मठ मंदिर की परंपरा को जारी रखने का जो नियम बनाया है उसका अखिल भारतीय पुजारी महासंघ के संस्थापक अध्यक्ष महेश पुजारी ने स्वागत किया है, प्रदेश सरकार को साधुवाद दिया है। मध्यप्रदेश की पहली सरकार है जिन्होंने संत व पुजारी के लिए जो घोषणा की है उससे लाखों संत पुजारी चिंतामुक्त होकर भगवान की सेवा कर सकेंगे। मध्यप्रदेश सरकार से आग्रह किया है इस निर्णय को शीघ्र लागू किया जाये तथा प्रदेश के सभी जिलों को निर्णय से अवगत कराया जाए, प्रशासन के अधिकारी पुजारी एवं संत को परेशान न कर सके आसानी से नामांतरण हो सके। अखिल भारतीय पुजारी महासंघ की वर्षों पुरानी वंश शिष्य परंपरा की मांग पूरी होने के पश्चात मंदिरों का सरकारीकरण भी मुक्त करने की भी मांग की है। पुजारी महासंघ द्वारा फैक्स के माध्यम से बधाई देते हुए सरकारीकरण मुक्त की मांग को दोहराया है।
मध्यप्रदेश सरकार द्वारा मठ मंदिर में गुरू शिष्य परंपरा का वचन पूरा, पुजारी महासंघ ने किया स्वागत दिया साधुवाद