पुलिस का दायित्व अपराधों को नियंत्रित करना और कानून व्यवस्था बनाये रखना है, परंतु यह कार्य मानव अधिकारों की रक्षा करते हुए करना अत्यंत आवश्यक है

पुलिस कर्मचारी या अधिकारी अपने अधिकारों का दुरुपयोग न करें
उज्जैन। 10 दिसंबर को अंतर्राष्ट्रीय मानवाधिकार दिवस पर संगोष्ठी में अखिल भारतीय मानवाधिकार निगरानी समिति के प्रदेश महासचिव हरीशसिंह गुड़पलिया ने संबोधित करते हुए कहा कि पुलिस का मुख्य कार्य समाज में दरिद्र वर्गों, महिलाओं इत्यादि के प्रति होने वाले भेदभाव को दूर करने के उद्देश्य से महत्त्वपूर्ण सामाजिक विधानों का कार्यान्वयन करने के साथ-साथ कानून के नियमों का पालन कराने के लिए अत्याधिक महत्त्वपूर्ण है। पुलिस नागरिकों की जिन्दगी, संपत्ति व सम्मान की रक्षा करने का शासन का सबसे महत्त्वपूर्ण अंग है। इस उद्देश्य का प्रभावी कार्यान्वयन तभी संभव है जब पुलिसकर्मी विशिष्ठ मानव अधिकारों से भलीभांति परिचित हो। पुलिस को कानून के अंतर्गत किसी भी व्यक्ति को गिरफ्तार करने का अधिकार दिया है, गिरफ्तारी से व्यक्ति की स्वतंत्रा का अधिकार छिन जाता है। पुलिस का दायित्व अपराधों को नियंत्रित करना और कानून व्यवस्था बनाये रखना है, परंतु यह कार्य मानव अधिकारों की रक्षा करते हुए करना अत्यंत आवश्यक है। इसलिए आवश्यक है कि प्रत्येक पुलिस कर्मचारी व अधिकारी विधि द्वारा प्रदत्त अधिकारों का पालन करते हुए नागरिकों को सुरक्षा प्रदान करें।
इस अवसर पर सतीश मिश्रा, बी.सी. कुमेरिया, वीरेन्द्र जुनेजा, इन्दरसिंह ठाकुर, रमेश टीटू, सतीश मालवीय खमण वाले, संत बाबूलाल सौराष्ट्री, अशोक ठाकुर, विनय सिंह चौहान, अजय अवस्थी, के.के. व्यास, पप्पी भैय्या, धर्मेन्द्र सिरोलिया, अजयसिंह चौहान सहित गणमान्य पत्रकार साथी उपस्थित थे।