उज्जैन । कलेक्टर श्री शशांक मिश्र ने जिले के सभी राजस्व अधिकारियों को निर्देशित किया है कि वे प्रतिदिन पेशी लगाकर राजस्व प्रकरणों का त्वरित निराकरण करें। कलेक्टर ने कहा है कि एक से दो वर्ष एवं दो वर्ष से अधिक के लम्बित सभी प्रकरणों का निराकरण सुनिश्चित किया जाये तथा छह माह से एक वर्ष की अवधि में पांच प्रकरण से अधिक पेंडिंग नहीं होना चाहिये। कलेक्टर ने साथ ही नामांतरण, बंटवारे एवं सीमांकन के प्रकरणों को अधिक समय तक लम्बित नहीं रखते हुए इनका भी त्वरित निराकरण करने के निर्देश दिये हैं। कलेक्टर ने स्पष्ट रूप से सभी राजस्व अधिकारियों को हिदायत दी है कि वे पटवारी स्तर से आने वाले पत्रों पर हस्ताक्षर करके आगे न बढ़ायें, प्रकरण में जांच रिपोर्ट की तह तक जाकर आवेदकों को संतुष्ट करें। बैठक में अपर कलेक्टर श्री क्षितिज सिंघल, एडीएम श्री आरपी तिवारी, अपर कलेक्टर श्रीमती बिदिशा मुखर्जी, श्री जीएस डाबर, सभी एसडीएम, तहसीलदार एवं नायब तहसीलदार मौजूद थे।
सीमांकन में क्या करते हैं
कलेक्टर ने बैठक में राजस्व अधिकारियों से पूछा कि सीमांकन में आप लोग क्या करते हैं। तहसीलदार उज्जैन ने जवाब दिया कि सीमांकन करने के बाद पत्थर आदि से सीमा निर्धारित की जाती है। राजस्व अधिकारी द्वारा शासन की ओर से किसी तरह की फेंसिंग या बाढ़ लगाने का प्रावधान नहीं है। कलेक्टर ने निर्देश दिये कि सीमांकन करने के बाद सम्बन्धित आवेदक मौके पर यदि अपने स्वयं के व्यय से तार फेंसिंग, पोल लगाकर या अन्य तरह से सीमा निर्धारित करना चाहता है तो सम्बन्धित राजस्व अधिकारी को मौके पर उपस्थित रहकर इस कार्य में सहयोग करना चाहिये, जिससे कि किसी तरह का विवाद न हो।
बैठक में कलेक्टर ने डायवर्शन शुल्क के लक्ष्यों की 50 प्रतिशत प्राप्ति सभी तहसीलों में आगामी जनवरी माह तक करने के निर्देश दिये हैं। उन्होंने बड़नगर एवं नागदा में डायवर्शन शुल्क की कम वसूली पर अप्रसन्नता व्यक्त की। बैठक में जानकारी दी गई कि हाईकोर्ट में जवाब प्रस्तुत करने के उज्जैन तहसील में 61 प्रकरण शेष हैं। कलेक्टर ने जिले में सभी मामलों में तुरन्त जवाब प्रस्तुत करने को कहा है। कलेक्टर ने भू-अर्जन के पेंडिंग प्रकरणों की भी समीक्षा की तथा इनके निराकरण के निर्देश दिये।
राजस्व अधिकारी मुख्यालय छोड़ने के पहले कलेक्टर की अनुमति लें
बैठक में कलेक्टर ने स्पष्ट रूप से निर्देशित किया कि जिले के सभी एसडीएम, तहसीलदार एवं नायब तहसीलदार जब भी मुख्यालय छोड़ें, सीधे उनसे अनुमति लें। उन्होंने एसडीएम खाचरौद द्वारा कलेक्टर के निज सहायक को जानकारी देकर मुख्यालय छोड़कर जाने पर नाराजगी व्यक्त की तथा आज की बैठक में उनकी अनुपस्थिति दर्ज करने के निर्देश दिये।