प्रेस क्लब पर बड़ी संख्या में पत्रकार गण जुटे पुण्य स्मरण समारोह में ....
उज्जैन l यहां प्रेस क्लब तरणताल पर दैनिक अग्निपथ के संस्थापक एवं श्रद्धेय पत्रकार स्वर्गीय ठाकुर शिव प्रताप सिंह पुण्यस्मरण समारोह में वक्ताओं ने कहा कि कभी ठाकुर साहब ने सैद्धांतिक पत्रकारिता सच्चाई तथा जनहित के मुद्दों से समझौता नहीं किया तथा उन्होंने पत्रकारिता के जो मापदंड स्थापित किए हैं, वे आज भी प्रेरणीय है। वरिष्ठ स्तंभकार कांति दा ने ठाकुर साहब के साथ किए गए काम को उल्लेखित करते हुए कहा कि ठाकुर साहब की पत्रकारिता अपने आप में सच्ची कलम थी। एक बार उन्होंने जो लिखा उससे कभी पीछे नहीं हटे। वे गहन सोच रखते थे। वरिष्ठ अभिभाषक बालकृष्ण उपाध्याय ने कहा कि ठाकुर साहब सरकार और व्यवस्था के खिलाफ आम लोगों की बात अपने समाचार पत्रों और संपादकीय में लिखा करते थे, इसलिए उनकी जनता में काफी इज्जत थी। आज भी उन्हें पत्रकारिता के क्षेत्र में आदर पूर्वक याद किया जाता है। वरिष्ठ पत्रकार एवं संभागीय अधिमान्यता समिति के सदस्य क्रांति कुमार वैद्य ने ठाकुर साहब के साथ किए गए पत्रकारिता कार्य का उल्लेख करते हुए कहा कि ठाकुर साहब अपने आप में पाठशाला थे। वह जो देखते-सुनते उसी पर कलम के माध्यम से प्रहार करके व्यवस्था को सुधारने का प्रयास करते थे।उनके साथ काम करना मेरा सौभाग्य रहा है। उनके जैसा समर्पित पत्रकार और संपादक मैंने नहीं देखा। वरिष्ठ पत्रकार एवं संभागीय अधिमान्यता समिति के सदस्य नरेश सोनी ने कहा कि ठाकुर साहब अपने आप में हिंदी की व्याकरण थे। कई शब्दों के भाव तथा अर्थों को ध्यान में रखकर वे अपनी कलम चलाते थे। कम शब्दों में अधिकतम बात कह देना उनकी लेखनी की विशेषता थी। वरिष्ठ पत्रकार सतीश गौड़ ने कहा कि दादा ना केवल खबरों को गंभीरता से पढ़ते थे, वरन पत्रकारों द्वारा की गई गलतियों को दुरुस्त भी करते थे। उनके साथ काम करना अपने आपमें गौरवमयी था। दैनिक अग्निपथ के संपादक अर्जुन सिंह चंदेल ने कहा कि पिताजी की पुण्याई और उनके द्वारा स्थापित अग्निपथ का संचालन करना उनका सौभाग्य है और यह गर्व की बात है कि पिताजी द्वारा स्थापित किए गए अखबार दैनिक अग्निपथ में काम करके कई पत्रकार प्रदेश के बड़े समाचार पत्रों में कार्यरत हैं। इससे दैनिक अग्निपथ की पत्रकारिता भी प्रमाणित होती है। कार्यक्रम का संचालन वरिष्ठ पत्रकार राजेंद्र पुरोहित ने किया। आभार प्रेस क्लब संयुक्त सचिव रामचंद्र गिरी ने माना।