राष्ट्रीय शिक्षा नीति एवं वाणिज्यविदों की भूमिका" : वाणिज्य अध्ययनशाला विक्रम विश्वविद्यालय, उज्जैन में परिचर्चा आयोजित :-
उज्जैन, । वाणिज्य संकाय के शिक्षाविदों में आधुनिक शिक्षण एवं शोध में स्वायत्तता की प्रवत्तियों को संवर्द्धित करना आवश्यक है । यूनिवर्सिटीज में स्मार्ट क्लास रूम्स की सफलताओं के साथ विफलताओं पर भी गंभीरता से चिंतन आज की नितांत आवश्यकता परिचर्चा प्रारंभ होने के पूर्व तीनो अतिथि वक्ताओं का परिचय एवं परिचर्चा विषय प्रवर्तन विभागाध्यक्ष डॉ. धर्मेंद्र मेहता ने किया।
प्रो.डॉ.ठाकुर ने परिचर्चा में अपने विचार व्यक्त करते हुए तेजी से बढ़ती हुई वाणिज्यिक अर्थव्यवस्था में वाणिज्य की नई पीढ़ी को प्रौद्योगिकी मित्रता को आत्मसात करने की सीख भी दी। प्रस्तावित राष्ट्रीय शिक्षा नीति को गुणवत्तापूर्ण शोध के आयामो पर भी खुले मन से केन्द्रित रहने की अपेक्षा की। साहित्य समीक्षा पद्धति का अपना अलग विशिष्ट चिंतन है। प्रस्तावित शिक्षा नीति में बहुआयामी रोजगार मूलक विधाओं से जोड़ने का प्रासंगिक प्रयोगधर्मिता को विकसित करने पर जोर दिया। आज के वाणिज्य की युवा पीढ़ी को आव्हान करते हुए जीवाजी विश्वविद्यालय, ग्वालियर के वाणिज्य-प्रबन्धन संकाय अध्यक्ष के (प्रो.) डॉ. के.एस. ठाकुर ने कहा कि, यूनिवर्सिटीज की प्रयोग शालाओं को पुनर्जीवित करना होगा फंडिंग के और रिक्त पदों के भरने के महत्व को भी शिक्षा नीति में समाहित करना होगा।
शिक्षण संकाय ग्वालियर की ही प्राध्यापिका डॉ (श्रीमती) प्रो कमलेश सिंह ठाकुर ने भी वाणिज्य अध्ययनशाला में विशिष्ट पैनल डिस्कशन परिचर्चा श्रृंखला आयोजन में अपने सारगर्भित विचार व्यक्त किये। आपने नए शिक्षको से आव्हान किया कि, वे बिना तैयारी के कभी भी कक्षाओं में प्रवेश नही करें |
परिचर्चा समापन करते हुए सांवेर शासकीय महाविद्यालय के वाणिज्य विभागध्यक्ष डॉ. बी. एस. मक्कड़ जी ने कहा कि, चुनौतीपूर्ण व्यावसायिक वातावरण में छात्रों को प्रभावी ढंग से काम करने के लिए तैयार करने के वाणिज्य संकाय के साथ साथ, उद्योग जगत को भी, शैक्षणिक अनुभव को भी, उपयोग में लाने के प्रयासों पर बल देना होगा।
शुभम चौऋषिया ने बताया कि, शब्दों से अतिथि परिचय, कार्यक्रम रूपरेखा तथा स्वागत वाणिज्य अध्ययनशाला के विभागाध्यक्ष डॉ धर्मेन्द्र मेहता ने किया। प्रारम्भ में पुष्पहारों से स्वागत वाणिज्य अध्ययनशाला की समस्त फैकल्टी मेंबर्स ने किया। सत्र का संचालन डॉ. जाकिरुद्दीन अयंगर ने किया ।
अंत में उपस्थितों के प्रति आभार प्रदर्शन विभागाध्यक्ष डॉ. मेहता ने किया। इस अवसर पर वाणिज्य अध्ययनशाला के शिक्षक डॉ आशीष मेहता, डॉ. नेहा माथुर, डॉ नयना दुबे, डॉ. नागेश पाराशर, डॉ. कायनात तंवर, डॉ. रुचिका खंडेलवाल, डॉ.परिमिता सिंह तथा मुगीस खान, प्रवीण शर्मा, रूपेश सूर्यवंशी तथा अध्ययनशाला के विद्यार्थीगण भी उपस्थित थे।