स्वच्छता को आय का जरिया बना कर चुना लगाया, परिणाम देश में फिसड्डी


उज्जैन। नगर निगम अधिकारियों के स्वच्छता के नाम पर कागजी दिखावे के परिणाम स्वरुप उज्जैन स्वच्छता अभियान में पिछड़ गया, और फिसड्डी हो गया। स्वच्छता को आय का जरिया बनाकर चूना लगाया और भ्रष्टाचार किया।
उक्त आरोप लगाते हुए पार्षद माया राजेश त्रिवेदी ने कहा कि घर-घर कचरा कलेक्शन कंपनी से सांठगांठ, मॉनिटरिंग एजेंसी से सांठगांठ के साथ-साथ संपूर्ण शहर में अनुपस्थित कर्मचारियों की उपस्थिति दिखाकर घर बैठे अंगूठे लगवा कर पूर्व आयुक्त प्रतिभा पाल के संरक्षण में जो खेल खेला था उसकी परिणिति में आज उज्जैन 246 वें स्थान पर नजर आ रहा है। माया त्रिवेदी ने कहा कि मैंने पिछले सदन में आगाह किया था व भ्रष्टाचार के प्रमाण भी दिए थे। साथ ही स्वच्छता के ब्रांड एंबेसेडर के महाकाल दर्शन के दौरान दिए गए बयान का उल्लेख भी किया था कि उन्होंने कहा था कि उज्जैन को पहला स्थान कैसे, उज्जैन 52वें स्थान के लायक भी नहीं। परंतु उसके बाद भी सब बातों की अनदेखी की गई और बड़े पैमाने पर सभी क्षेत्रों में भ्रष्टाचार हुआ शहर के लोग तो जागरूक हैं लेकिन नगर निगम के अधिकारी कर्मचारियों के साथ भ्रष्टाचार में लिप्त है जिसके परिणीति में उज्जैन स्वच्छता अभियान में पिछड़ रहा है।