उज्जैन में चार दिवसीय आयुर्वेद वर्कशॉप

उज्जैन। 13 फरवरी से 9 फरवरी तक चार दिवसीय आयुर्वेद वर्कशॉप आयोजित होगी,हिताहितम सुखं दुःखम् ...... स उच्यते||
  (चरक सूत्र स्थान अ.1/41)


आयुर्वेद चार प्रकार की आयु ( जीवन) का वर्णन करता है-
 हित आयु-जो दूसरों को दुःख न दे सबके  प्रति प्रेम स्नेह की भावना रखें।
अहित आयु- हित आयु के विपरीत ।
सुख आयु- शारीरिक एवं मानसिक रोगों से रहित सामाजिक प्रतिष्ठा एवं कार्य करने में सक्षम।
दुःख आयु-शारीरिक एवं मानसिक रोगों से पीड़ित दुखी मनुष्य।
  धर्म- अर्थ - काम एवं मोक्ष जो कि जीवन के चार उद्देश्य (पुरुषार्थ )हैं वह हित आयु  एवं सुख आयु  से ही  प्राप्त किए जा सकते हैं| अतः इस नव  वर्ष में सुखायु एवं हितायु बनें तथा ऐसा संकल्प लें कि पूर्व के सभी वर्षों की तुलना में इस वर्ष को बेहतर बनायेंगे |डॉक्टर राम अरोरा ने जानकारी देते हुए बताया कि,चिकित्सक साथी यदि  पुरुषार्थ (Practice)  को बेहतर एवं हितायु बनाना चाहते है तो उज्जैन  में 13 से 16 फरवरी तक आयोजित होने वाली क्लीनिकल आयुर्वेद वर्कशाप" में भाग ले सकते है।


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