इकोसेंसेटिव झोन के मास्टर प्लान पर कार्य न करने पर कमिश्नर ने संबद्ध एजेन्सी के सलाहकार के प्रति गहरी नाराजगी जताई

 


उज्जैन । मध्य प्रदेश के उज्जैन संभाग के मंदसौर जिले के गांधी सागर अभ्यारण्य एवं देवास जिले के खिवनी अभ्यारण्य के सम्बन्ध में भारत सरकार पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय द्वारा अभ्यारण्य क्षेत्र से लगे क्षेत्र को इकोसेंसेटिव झोन घोषित किये जाने की अन्तिम अधिसूचना जारी की गई है। भारत सरकार द्वारा अधिसूचनाओं के अनुसार उक्त क्षेत्रों में झोनल मास्टर प्लान तैयार किये जाने हेतु मेसर्स आकार अभिनव कंसल्टेंट प्रा.लि. कंपनी को तीन माह पूर्व कार्य सौंपा गया था। कंपनी को निर्देश जारी किये गये थे कि वे झोनल मास्टर प्लान के लिये फिल्ड विजिट कर डाटा एकत्रित कर प्लान या योजनाएं सुझायें, किन्तु उक्त कंपनी द्वारा तीन माह में इको सेंसेटिव झोन के मास्टर प्लान तैयार करने पर कोई कार्य नहीं किया गया, न ही फिल्ड विजिट किया गया। उक्त घटना को गंभीरता से लेते हुए उज्जैन संभाग कमिश्नर श्री अजीत कुमार ने कंपनी के प्रतिनिधि श्री अंकित द्विवेदी को कड़ी फटकार लगाते हुए गहरी नाराजगी व्यक्त की। उल्लेखनीय है कि शुक्रवार को कमिश्नर की अध्यक्षता में इको झोनल मास्टर प्लान तैयार करने के सम्बन्ध में बैठक आयोजित की गई थी। उक्त बैठक में मुख्य वन संरक्षक एवं सदस्य सचिव इकोसेंसेटिव झोन कमेटी श्री अजय कुमार यादव, कलेक्टर रतलाम श्रीमती रूचिका चौहान, कलेक्टर मंदसौर श्री मनोज पुष्प, कलेक्टर देवास श्री श्रीकान्त पाण्डे एवं सम्बन्धित जिलों के मुख्य कार्यपालन अधिकारी एवं डीएफओ उपस्थित रहे।
कमिश्नर ने कंपनी के प्रतिनिधि श्री अंकित द्विवेदी से सवाल किये कि अब तक कंपनी ने कितने इकोसेंसेटिव गांवों का भ्रमण किया है, उनकी टीम में कितने सदस्य हैं और क्या विजिट के दौरान कलेक्टर से सलाह लेकर राजस्व एवं वन विभाग के अमले को सूचित किया गया है। प्रतिनिधि कमिश्नर के प्रश्न का संतोषजनक जवाब नहीं दे पाये। इस पर कमिश्नर ने प्रतिनिधि श्री द्विवेदी को कड़ी फटकार लगाते हुए कहा कि गत 2 नवम्बर को इकोसेंसेटिव झोन की बैठक हुई थी, जिसमें कंपनी को हिदायत दी गई थी कि वे तीन महीने में अपना मास्टर प्लान तैयार कर प्रस्तुत करें, लेकिन विगत तीन माह में मेसर्स आकार अभिनव कंसल्टेंट प्रा.लि.कंपनी ने न ही डाटा कलेक्शन किया है, न ही मेपिंग और न ही भ्रमण किया था। उल्लेखनीय है कि झोनल मास्टर प्लान से विभिन्न सेक्टर जैसे नेशनल पार्क के कोर, बफर एवं इकोसेंसेटिव झोन हेतु चिन्हित क्षेत्र, फ्लोरा, फोना, इकोलॉजी, अधोसंरचनाएं, पर्यावरणीय एवं प्राकृतिक विशेषताएं, भू-उपयोग, लैंडकवर, मानव निर्मित गतिविधियां, पर्यटन एवं पुरातत्व सम्बन्धी प्रोफाईल, सामाजिक एवं आर्थिक स्थितियां से सम्बन्धित जानकारियां इकोसेंसटिव झोन के बारे में विकसित किया जाना था। इको मास्टर प्लान का मुख्य उद्देश्य यह भी है कि वर्तमान स्थितियों के बारे में संरक्षित क्षेत्र का बेसलाइन डाटा उपलब्ध करवाकर भविष्य में वनक्षेत्र को मानव तथा वन्यप्राणियों के आवास के संरक्षण हेतु जानकारी देना है।
उल्लेखनीय है कि कंपनी द्वारा न ही क्षेत्र का भ्रमण किया गया, न ही सम्बन्धित जिलों के कलेक्टर्स से सम्पर्क कर सलाह ली गई। कंपनी ने कोई प्रतिवेदन भी प्रस्तुत नहीं किया। कंपनी की अधूरी तैयारी को देखते हुए कमिश्नर ने सख्त नाराजगी व्यक्त की। देवास एवं मंदसौर के कलेक्टर तथा नीमच की प्रभारी कलेक्टर ने कमिश्नर को अवगत कराया कि कंपनी की टीम ने अब तक उनसे सम्पर्क नहीं किया है। कमिश्नर ने नाराजगी व्यक्त करते हुए कंपनी के प्रतिनिधि को चेतावनी दी कि यदि यही रवैया रहा तो कंपनी को ब्लेकलिस्टेड करवा दिया जायेगा।
बैठक में बताया गया कि इकोसेंसेटिव झोन में तीन गतिविधियों पर कार्य किया जायेगा। इनमें पहला तो यह रहेगा कि झोन को कैसे प्रमोट किया जाये। दूसरा झोन के गांवों में क्या गतिविधियां की जाये जिससे वहां के निवासियों के लिये आजीविका का साधन जुटाया जाये या झोन पर प्रवेश पूरी तरह प्रतिबंधित किया जाये। मंदसौर के जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्री ऋषव गुप्ता ने बताया कि उन्होंने नौ गतिविधियों का चयन किया है। आठ टीम बनाकर संख्यात्मक आंकड़े लिये गये हैं। देवास में भी 15 गांव में विभिन्न गतिविधियां एवं भविष्य के निर्माण के लिये डाटा वेरिफिकेशन का कार्य कराया जायेगा। कमिश्नर ने कहा कि राजस्व विभाग जो भी कार्य इकोसेंसेटिव झोन में करेगा, इससे इस क्षेत्र के रहवासियों को 50 वर्षों तक आजीविका के लिये परेशान नहीं होना होगा। उन्होंने कहा कि जिला प्रशासन ने डाटा एकत्रीकरण एवं प्लान के लिये पूरी तैयारी कर रखी है। उन्होंने 6 मार्च को पुन: इकोसेंसेटिव झोन की बैठक आयोजित करने के निर्देश दिये। बताया गया कि लोक निर्माण विभाग, मप्र विद्युत मण्डल एवं जल संसाधन विभाग इकोसेंसेटिव झोन के ग्रामों में विकासात्मक कार्य करेंगे।