प्रकृति का उपयोग ऐसे करें जैसे बच्चा मां का दूध पीता है- डॉ. मोहन गुप्त








पर्यावरण की शुद्धि के लिए पांच तत्वों की शुद्धि आवश्यक है- डॉ. बालकृष्ण शर्मा

पर्यावरण दिवस के रूप में वरिष्ठजनों के बीच बनाया डॉ विमल गर्ग ने अपना जन्म दिवस

उज्जैन।  नगर के प्रमुख चिकित्सा विशेषज्ञ डॉ. विमल गर्ग द्वारा आज आनंद भवन में वरिष्ठजनों के बीच अपना 72 वां जन्मदिवस पर्यावरण दिवस के रूप में मनाया गया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि डॉ मोहन गुप्त, अध्यक्ष श्री राधेश्याम दुबे तथा मुख्य वक्ता विक्रम विश्व विद्यालय के कुलपति डॉ बालकृष्ण शर्मा थे।

कार्यक्रम में मुख्य अतिथि डॉ मोहन गुप्त ने कहा कि प्रकृति हम सबकी मां है। हमें प्रकृति का उपभोग इस प्रकार करना चाहिए, जैसे कि बच्चा अपनी मां का दूध पीता है। यदि बच्चा मशीन से अपनी मां का दूध खींचेगा तो मां की तो जान ही चली जाएगी। आज महायंत्रो के माध्यम से प्रकृति का दोहन किया जा रहा है, जो विनाशकारी है। इन महायंत्रों पर रोक लगाई जानी चाहिए। प्रकृति से ही हमारा अस्तित्व है, हमें हर हाल में प्रकृति का संरक्षण एवं सवर्धन करना चाहिए। 

मुख्य वक्ता के रूप में विक्रम विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. बालकृष्ण शर्मा ने कहा कि पर्यावरण की सुरक्षा के लिए यह आवश्यक है कि हम पांच तत्वों पृथ्वी, जल, वायु, आकाश को गंदा न करें तथा अग्नि अर्थात ऊर्जा का अपव्यय न करें। उन्होंने ईशावास्यापनिषद् का उद्धरण देते हुए बताया कि ये सारा संसार ईश्वर से परिपूर्ण है, इसे पवित्र रखना हमारा परम कर्तव्य है। 

''ईशावास्यमिदं सर्वं यत्किञ्च जगत्यां जगत् ।

तेन त्यक्तेन भुञ्जीथा मा गृधः कस्यस्विद्धनम् ।।''

डॉ. विमल गर्ग ने कहा कि वे प्रति वर्ष अपना जन्मदिन पर्यावरण दिवस के रूप में मनाते हैं, ऐसा करके उन्हें हार्दिक प्रसन्नता होती है। उन्होंने उपस्थित सभी का अत्यंत आभार व्यक्त किया।

कार्यक्रम का प्रारंभ अतिथियों द्वारा पौधों में जल डालकर किया गया। इस अवसर पर वरिष्ठजनों श्री परदेशी, श्री गोपाल वागरवाल, श्री मनप्रीतसिंह अरोरा आदि का पौधे, शॉल एवं श्रीफल से सम्मान किया गया। संचालन महेन्द्र ज्ञानी ने किया, आभार प्रतिमा जोशी ने माना।