उज्जैन । शिव नवरात्रि के दूसरे दिन सायं पूजन के पश्चात भगवान महाकाल ने श्री अर्द्धनारीश्वर स्वरूप में शेषनाग धारण कर भक्तों को दर्शन दिये। इसके पूर्व प्रातः शासकीय पुजारी श्री घनश्याम शर्मा के आचार्यत्व में 11 ब्राम्हणों द्वारा श्री महाकालेश्वर भगवान का अभिषेक एकादश-एकादशनी रूद्रपाठ से किया गया ।
सायं पूजन के पश्चात श्री महाकाल को नवीन हरे रंग के वस्त्र धारण करवाये गये। भगवान के अर्द्धनारीश्वर स्वरूप का श्रृंगार भांग, चंदन व सूखे मेंवे से किया गया। साथ ही भगवान श्री महाकालेश्वर को मुकुट, मुण्ड माला एवं फलों की माला के साथ शेषनाग धारण करवाया गया। आज शनिवार 15 फरवरी को श्री महाकालेश्वर भगवान श्री घटाटोप के स्वरूप में श्रद्धालुओं को दर्शन देगें।
महाशिवरात्रि पर्व पर मीडिया का प्रवेश
महाशिवरात्रि पर्व पर इलेक्ट्रॉनिक एवं प्रिंट मीडिया के पत्रकारों का प्रवेश बेगमबाग वीआईपी रूट से आकर माधव सेवा न्यास के पीछे अपने वाहन पार्क करने के बाद शंख चौराहा से निर्माल्य गेट के समीप के रास्ते से महाकाल मंदिर परिसर में प्रवेश करेंगे। यह प्रवेश मात्र मीडिया के लिये ही रहेगा। परिसर के अंदर से पत्रकार बाल हनुमान के पास से रैम्प से कोठार शाखा के गलियारे से होते हुए कंट्रोल रूम के समीप बनाये गये मीडिया सेन्टर पर आ सकेंगे। मीडिया यहां से लोहे की सीढ़ियों से नीचे उतरकर कार्तिकेय मण्डप से होते हुए नन्दी मंडपम में प्रवेश कर दर्शन लाभ के साथ ही कवरेज कर सकेंगे।
पुजारी-पुरोहित, सामान्य दर्शनार्थी आदि का प्रवेश हरसिद्धि चौराहे से होगा
महाशिवरात्रि पर्व के दौरान सामान्य दर्शनार्थियों का प्रवेश हरसिद्धि चौराहे से कतार में लगकर बड़ा गणेश, पुलिस चौकी के सामने से होते हुए सरस्वती शिशु मंदिर स्कूल से माधव सेवा न्यास पार्किंग, शहनाई गेट झिकझेक से फेसेलिटी सेंटर, टनल से होते हुए 6 नम्बर गेट से होकर दर्शन करेंगे। इसी प्रकार मंदिर के पुजारी-पुरोहित एवं इनके परिजन हरसिद्धि चौराहे से अलग कतार में लगकर महाकाल प्रवचन हाल से कोटितीर्थ कुंड से होते हुए प्रवेश करेंगे। इनकी कतार में इनके अलावा दूसरे श्रद्धालु नहीं लगेंगे। इसी प्रकार विशेष दर्शन के 250 रुपये के प्रवेश टिकिटधारी एवं पासधारी तथा वृद्धजन, दिव्यांगजन की एक कतार से हरसिद्धि चौराहे से ही बड़ा गणेश होते हुए भस्म आरती 4 नम्बर गेट से प्रवेश करेंगे। इसी तरह वीआईपी बेगमबाग रोड से माधव सेवा न्यास के पीछे वाले रूट से महाकाल धर्मशाला होते हुए कोटितीर्थ कुंड से अन्दर प्रवेश कर दर्शन करेंगे।
भस्म आरती पूर्णत: नि:शुल्क
भस्म आरती हेतु कोई भी दर्शनार्थी किसी भी व्यक्ति को रुपये न दें।
शिव नवरात्रि के दूसरे दिन भगवान महाकाल ने अर्द्धनारीश्वर स्वरूप में शेषनाग धारण कर भक्तों को दिये दर्शन