कोरोना वायरस कैदियों के लिए क्या वरदान सिद्ध हो सकता है इस सवाल का जवाब यदि,,, हां,,,, दिया जाए तो आश्चर्य नहीं होना चाहिए, विचित्र किंतु यह सत्य है कि कोरोना वायरस पूरी दुनिया के लिए भले ही खोफ का कारण बन गया हो, लेकिन इसका बड़ा फायदा इरान के कैदियों को मिला,कोरोना वायरस के बढ़ते कहर और उसके प्रसार को रोकने की कवायद दुनिया के कई देशों में भी जारी है. चीन के बाद कोरोना का सबसे ज्यादा असर ईरान पर पड़ा है और उसने अपने यहां की जेलों में इस वायरस के संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए 54 हजार से ज्यादा कैदियों को अस्थायी तौर पर रिहा कर दिया है,इस बीच ईरान के 23 सांसद कोरोना वायरस से संक्रमित हैं।न्यायपालिका के प्रवक्ता घोलमहुसैन इस्माइली ने कहा कि इन कैदियों की जांच की गई है और इनके सैंपल निगेटिव पाए गए हैं, इन्हें अस्थायी तौर पर जमानत पर छोड़ा गया है।ईरान के जिन जेलों में कैदियों की संख्या बहुत अधिक है और भरी हुई हैं, वहां कोरोना वायरस का संक्रमण रोकने के लिए कैदियों को अस्थायी तौर पर यह कदम उठाया है।हालांकि 'सिक्योरिटी प्रिजनर्स' यानी जिन कैदियों को पांच साल से ज्यादा सजा सुनाई गई है उन्हें रिहा नहीं किया गया है।
कौन है वो 56000 लोग? जिन्हें कोरोना वायरस से लाभ हुआ